लखनऊ सड़क सुरक्षा: एटीएस ने चौपट की वाहनों की फिटनेस जांच की व्यवस्था, टेस्टिंग स्टेशन बने भ्रष्टाचार के अड्डे

लखनऊ सड़क सुरक्षा: एटीएस ने चौपट की वाहनों की फिटनेस जांच की व्यवस्था, टेस्टिंग स्टेशन बने भ्रष्टाचार के अड्डे
ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन (एटीएस) ने वाहनों की फिटनेस जांच की व्यवस्था चौपट कर दी है। टेस्टिंग स्टेशन भ्रष्टाचार के अड्डे बनकर रह गए हैं। सड़क सुरक्षा पर कार्यशाला में वक्ताओं ने कई खामियां गिनाईं।
राजधानी लखनऊ में शनिवार को सड़क सुरक्षा पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें वक्ताओं ने कहा कि निजी एजेंसियों से संचालित ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन (एटीएस) भ्रष्टाचार के अड्डे बन गए हैं। यहां आवेदकों का शोषण होता है। वाहनों की फिटनेस जांच की व्यवस्था को एटीएस ने चौपट कर दिया है। लेकिन, सरकारी फिटनेस जांच सेंटर की शुचिता आज भी बनी हुई है।
ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ मोटर व्हीकल डिपार्टमेंट टेक्निकल एग्जीक्यूटिव ऑफिसर एसोसिएशन व उप्र ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट रीजनल इंस्पेक्टर (टेक्निकल) सर्विस एसोसिएशन की ओर से इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में हुई दो दिनी कार्यशाला के पहले दिन शनिवार को वक्ताओं ने गंभीर सवाल उठाए।
जयपुर में मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर (एमवीआई) के पद पर तैनात राजेश कुमार चौधरी ने कहा कि एटीएस भ्रष्टाचार के अड्डे बन गए हैं। यही वजह है कि राजस्थान में 85 में से 82 एटीएस बंद हो चुके हैं। जो तीन चल भी रहे उनकी मॉनिटरिंग हो रही है।
उन्होंने बताया कि गाड़ियों की फिटनेस संबंधी 20 प्रश्नों का एक पेपर तैयार किया गया था, जिसका जवाब कर्मचारी नहीं दे पाए। वर्कशॉप में मुख्य अतिथि परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह रहे। महाराष्ट्र के प्रमुख सचिव परिवहन विवेक भिमनवार और यूपी के परिवहन आयुक्त बीएन सिंह भी शामिल हुए।
जिलों में तीन एटीएस बनाने की योजना
चौधरी ने बताया कि यूपी व पश्चिम बंगाल की प्रतिवर्ष 15 हजार गाड़ियों की फिटनेस राजस्थान में एनीवेयर फिटनेस सिस्टम से हो रहा है। जबकि इन राज्यों में भी फिटनेस जांच की व्यवस्था है। इसकी वजहें तलाशने की जरूरत है। इसके लिए देशव्यापी डाटा बनाया जा रहा है, ताकि एटीएस की सारी खामियों को उजागर किया जा सके। यूपी के हर जिले में तीन एटीएस बनाने की योजना है।
रोड सेफ्टी साइकोलॉजिस्ट रजनी गांधी ने कहा कि देश में हादसों में मौत की बड़ी वजह हेलमेट नहीं पहनना है। हेलमेट जीवनरक्षक औषधि है। उन्होंने सड़कों के अतिक्रमण, ट्रैफिक लाइट की टाइमिंग, जेब्रा क्रॉसिंग की कमी जैसे मुद्दों को भी उठाया। कहा, हादसों के पीछे सिर्फ चालक की गलती नहीं, बल्कि अन्य वजहें भी होती हैं।
रोड सेफ्टी के मामले में यूपी बेहतर
परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने कहा कि देश में सड़क दुर्घटनाएं यूपी में सर्वाधिक हैं। तुलनात्मक रूप से देखें तो प्रदेश की आबादी व गाड़ियों की संख्या भी सबसे ज्यादा हैं। संसाधनों की भी कमी है। फिर भी यूपी रोड सेफ्टी में बेहतर काम कर रहा है। उन्होंने सेवाओं को ऑनलाइन करने के लिए परिवहन आयुक्त बीएन सिंह के प्रयासों की सराहना की।
पांच घंटे लेट पहुंचे मंत्री
परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह विभाग के ही कार्यक्रमों में समय पर नहीं पहुंचते। हाल ही में परिवहन निगम के स्थापना दिवस पर दोपहर दो बजे की जगह रात आठ बजे पहुंचे थे। शनिवार को भी वे कार्यशाला में पांच घंटे देर से पहुंचे।