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लखनऊ व्यापार मंडल ने लाइसेंस शुल्क प्रस्ताव का विरोध किया

लखनऊ व्यापार मंडल ने लाइसेंस शुल्क प्रस्ताव का विरोध किया

लखनऊ व्यापार मंडल ने नगर निगम द्वारा लाइसेंस शुल्क बढ़ाने के प्रस्ताव का विरोध किया। अध्यक्ष अमरनाथ मिश्र ने इसे ‘तुगलकी फरमान’ कहा। उन्होंने नगर निगम की बुनियादी सुविधाओं की कमी और व्यापारियों के आर्थिक शोषण पर चिंता जताई। व्यापारियों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रस्ताव वापस नहीं लिया गया, तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे।

लखनऊ व्यापार मंडल ने नगर निगम द्वारा विभिन्न व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर लाइसेंस शुल्क लगाने और शुल्क में वृद्धि करने के प्रस्ताव का विरोध किया गया। संगठन के अध्यक्ष अमरनाथ मिश्र ने गुरुवार को राजाजीपुरम स्थित दरोगाखेड़ा में आयोजित बैठक में इसे ‘तुगलकी फरमान’ और ‘इंस्पेक्टर राज’ करार दिया। उन्होंने याद दिलाया कि पिछले वर्ष भी भारी विरोध और सांसद राजनाथ सिंह व पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा के हस्तक्षेप के बाद इस प्रस्ताव को वापस लिया गया था। उन्होंने कहा कि नगर निगम बाजारों में सीवर, पीने के पानी, सफाई और पार्किंग जैसी बुनियादी सुविधाएं देने में पूरी तरह विफल रहा है।

सुविधाएं दिए बिना मनमाना टैक्स वसूलना व्यापारियों का आर्थिक शोषण है। सरकार द्वारा ई-कॉमर्स नीति न बनाने और वेडिंग जोन की व्यवस्था न होने से स्थानीय व्यापारी पहले ही आर्थिक संकट में हैं। संगठन के महामंत्री उमेश शर्मा और वरिष्ठ महामंत्री पवन मनोचा ने कहा कि व्यापारी समाज के सब्र का बांध अब टूट चुका है। नगर निगम को खुली चेतावनी दी है कि यदि यह जनविरोधी एजेंडा तत्काल वापस नहीं लिया गया, तो पूरे लखनऊ में अनिश्चितकालीन दुकानें बंद की जाएंगी। व्यापारी सड़कों पर उतरकर सामूहिक गिरफ्तारी देंगे। नगर निगम का घेराव कर उग्र प्रदर्शन किया जाएगा। बैठक में सुशील तिवारी, अनुराग मिश्र सहित सैकड़ों व्यापारियों ने एक स्वर में कहा कि वे प्रशासनिक अत्याचार और महंगाई के बीच इस नए आर्थिक बोझ को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेंगे।

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