
*यूपी बुजुर्गों को घर बैठे वृद्धावस्था पेंशन देगी योगी सरकार, 60 साल पूरा होते ही खाते में आने लगेगा धन*
लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में 20 प्रस्तावों को मंजूरी दे दी गई है। बैठक में लेखपाल सेवा नियमावली में संशोधन को मंजूरी दी गई है।
यूपी में वृद्धावस्था पेंशन के लिए बुजुर्गों को अब भटकना नहीं पड़ेगा। सरकार उन्हें घर बैठे पेंशन मुहैया कराएगी। इसके लिए विभाग की ओर से फोन कर पूछा जाएगा कि आपकी आयु 60 साल हो गई है, क्या आप वृद्धावस्था पेंशन लेना चाहते हैं? सहमति देने पर एक आसान प्रक्रिया के बाद पेंशन शुरू हो जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में 20 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
बैठक के बाद फैसले की जानकारी देते हुए समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने कहा कि सभी बुजुर्गों को पेंशन मिले ये सरकार की जिम्मेदारी है। हम ई गवर्नेंस से ईजी गवर्नेंस की तरफ बढ़ रहे हैं। फैमिली आईडी लांच की गई है। एक बार रजिस्ट्रेशन करवाना होगा और सीनियर सिटीजन बनने के बाद ऑटोमेटिक पेंशन शुरू हो जाएगी। ग्राम पंचायत या फिर जन सुविधा केंद्र में जाकर मदद ले सकेंगे। उन्होंने बताया कि इस फैसले से पेंशन पाने वालों की संख्या 67 लाख 50 हजार से बढ़कर 75.25 लाख हो जाएगी।
बैठक में राजस्व विभाग में कानूनगो के चपरासी (चैन मैन) को लेखपाल के पद पर पदोन्नति देने के लिए उप्र लेखपाल सेवा नियमावली (पंचम संशोधन) 2025 को मंजूरी दे दी है। इसके तहत विभाग में दो फीसदी आरक्षण देने के साथ ही लेखपाल पद पर प्रमोशन को मंजूरी दे दी गई है।
बैठक में न्यायिक सेवा से जुड़े दो प्रस्तावों को सहमति दी गई है। बैठक में अपर निजी सचिव के 156 पदों पर निजी सचिव के ग्रेड वन पर प्रमोट करने पर सहमति बनी। इससे सरकार पर 10 करोड़ रुपये का सालाना का व्यय भार पड़ेगा। वहीं, एक अन्य प्रस्ताव में उच्चतर न्यायिक सेवा के अधिकारियों को कार खरीदने के लिए सरकार की ओर से अधिक कर्ज देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।



