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अयोध्या: चंपत राय की दो टूक, प्राण प्रतिष्ठा शब्द सुनकर कृपया न आएं, किसी को बुलाया नहीं गया; मौसम भी प्रतिकूल

अयोध्या: चंपत राय की दो टूक, प्राण प्रतिष्ठा शब्द सुनकर कृपया न आएं, किसी को बुलाया नहीं गया; मौसम भी प्रतिकूल

अयोध्या राम मंदिर परिसर में पांच जून को राम दरबार सहित कई मंदिरों में प्राण प्रतिष्ठा होनी है। चंपत राय ने स्पष्ट किया है कि कृपया लोग इस दौरान न आएं।

अयोध्या राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा है कि तीन, चार व पांच जून को किसी को आमंत्रित नहीं किया गया है। कोई भी प्राण प्रतिष्ठा शब्द सुनकर अयोध्या ना आए। वही लोग अयोध्या आएं जिन्हें रामलला का दर्शन करना होगा। प्राण प्रतिष्ठा की वजह से इस दौरान न आएं।

उन्होंने कहा कि अभी मौसम भी अनुकूल नहीं है। राम दरबार व परकोटे में बनाए गए मंदिरों का दर्शन श्रद्धालु अभी कुछ महीने नहीं कर पाएंगे। राम मंदिर निर्माण की  बाधाएं अभी सामने आ रही हैं। चंपत राय ने कहा कि पांच जून को राम दरबार व परकोटे में बने मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा होगी। आज दो जून को शाम 4:00 बजे सरयू तट से राम मंदिर के लिए निकलेगी जल कलश यात्रा। कल तीन जून 6:30 बजे अनुष्ठान शुरू होगा।

राजा राम के दरबार की होगी स्थापना 22 जनवरी 2024 को भगवान श्रीराम बालक राम के रूप में स्थापित किए गए थे। अब दूसरी प्राण प्रतिष्ठा में भगवान राम राजा के रूप में स्थापित किए जाएंगे। राम मंदिर के पहले तल पर राजाराम का दरबार होगा। इस दरबार में भगवान राम उनके अनुज लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, माता जानकी और सेवक हनुमान होंगे। पांच जून को अयोध्या में पूरी तरह से बन कर तैयार राम मंदिर के दूसरे प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। अयोध्या पहुंच रहे श्रद्धालुओ में भी भारी उत्साह है। रामलला के दर्शन करने के बाद राजा राम की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर श्रद्धालु उत्साहित हैं। वहीं, सुरक्षा व्यवस्था के बारे में एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया कि रामनगरी फुलप्रूफ सुरक्षा के लिहाज से परिपूर्ण है। जो भी कार्यक्रम स्थल हैं, वहां पर अतिरिक्त सुरक्षा बल लगाए जा रहे हैं। इसके साथ ही जो श्रद्धालु अयोध्या में दर्शन करने आ रहे हैं, उनको भी कोई दिक्कत न होने पाए, इसका भी ख्याल रखा जा रहा है।

उप मंदिरों में सात देव विग्रहों की होगी प्राण प्रतिष्ठा
राजा राम के साथ सात अन्य उप मंदिरों में भी स्थापित मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इसमें परकोटा के ईशान कोण पर शिवलिंग, अग्नि कोण में प्रथम पूज्य श्रीगणेश, दक्षिणी भुजा के मध्य में महाबली हनुमान, नैरित्र कोण में प्रत्यक्ष देवता सूर्य, वायव्य कोण में मां भगवती, उत्तरी भुजा के मध्य में अन्नपूर्णा माता के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इसके साथ ही मुख्य मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार और परकोटा के दक्षिणी पश्चिमी कोने में शेषावतार प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा होगी।

16 महीने बाद राजा राम की हो रही प्राण प्रतिष्ठा, कौन होगा मुख्य अतिथि

रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के 16 महीने बाद अयोध्या में पूरी तरह से बनकर तैयार भव्य राम मंदिर के एक और प्राण प्रतिष्ठा और अभिषेक समारोह की तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है। पिछले साल लोकसभा चुनाव से पहले 22 जनवरी को भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी। इस कार्यक्रम में 8000 से अधिक लोगों ने भाग लिया था। इसके मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थे। इस बार मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद रहेंगे। यह कार्यक्रम एक तरह से मंदिर निर्माण का समापन भी होगा, जो पांच अगस्त 2020 को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शुरू हुआ था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में राम मंदिर भवन निर्माण समिति का गठन किया गया था। इसकी कमान प्रधानमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्र संभाल रहे हैं। राम मंदिर के पहले तल पर राजाराम का दरबार होगा। यहां पर सभी दरवाजे लगा दिए गए हैं। परकोटा के बीच निर्मित छह पूरक मंदिरों व सप्त ऋषियों के सात मंदिरो में भी कपाट लगाने का काम पूरा हो गया है। शिव मंदिर में शिवलिंग की स्थापना का काम चल रहा है। श्रीराम जन्मभूमि के 2.77 एकड़ पर निर्मित राम मंदिर के पहले तल पर भगवान श्रीराम, माता जानकी और उनके तीनों अनुज व हनुमान जी का विग्रह स्थापित किया जा चुका है। इसी की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। राम मंदिर का निर्माण पारंपरिक नागर शैली में किया गया है। इसकी लंबाई पूरब पश्चिम 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फिट है। यह कुल 392 खंभों और 44 दरवाजों से युक्त है।

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