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माता वैष्णो देवी यात्रा 22 दिन बाद फिर शुरू, श्रद्धालु बोले- ‘मां के दर्शन की थी आस, आज पूरी होगी

माता वैष्णो देवी यात्रा 22 दिन बाद फिर शुरू, श्रद्धालु बोले- ‘मां के दर्शन की थी आस, आज पूरी होगी

भारी भूस्खलन के कारण 22 दिनों से ठप पड़ी माता वैष्णो देवी यात्रा को आज से फिर से शुरू कर दिया गया। श्रद्धालुओं में उत्साह का माहौल है, और यात्रा अब सख्त सुरक्षा उपायों व आरएफआईडी निगरानी के साथ जारी है।

‘जय माता दी’ के जयकारों के बीच माता वैष्णो देवी यात्रा बुधवार सुबह एक बार फिर शुरू हो गई। यह यात्रा पिछले 22 दिनों से भूस्खलन की वजह से स्थगित थी, जिसमें 34 लोगों की जान चली गई थी और 20 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।
श्राइन बोर्ड ने आज सुबह से यात्रा को दोबारा शुरू करने का ऐलान किया, जो कि मौसम अनुकूल रहने की स्थिति में ही जारी रहेगी। यह खबर सुनते ही कटड़ा में रुके सैकड़ों श्रद्धालुओं के चेहरों पर खुशी लौट आई।

यात्रा सुबह 6 बजे से दोनों मार्गों से शुरू की गई। इससे पहले खराब मौसम और ट्रैक की मरम्मत के चलते यात्रा को अस्थायी रूप से रोका गया था।श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए बोर्ड ने कुछ दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सभी यात्रियों के लिए वैध पहचान पत्र और आरएफआईडी कार्ड अनिवार्य है। साथ ही, यात्रियों से अनुरोध किया गया है कि वे निर्धारित मार्गों का पालन करें और जमीनी कर्मचारियों से सहयोग करें। श्राइन बोर्ड ने सभी श्रद्धालुओं का उनके धैर्य और सहयोग के लिए धन्यवाद भी दिया। एक बोर्ड अधिकारी ने कहा,यात्रा का फिर से शुरू होना हमारे सामूहिक विश्वास और धैर्य का प्रतीक है। हम श्रद्धालुओं की सुरक्षा और इस पवित्र तीर्थ की गरिमा बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। महाराष्ट्र के पुणे से आए एक श्रद्धालु समूह की महिला ने बताया, हम दो दिन पहले कटड़ा पहुंचे थे और हमें यकीन था कि माता का दर्शन जरूर होगा। आज यात्रा शुरू होने से बहुत खुशी हो रही है। श्रद्धालुओं ने इस दिन को बहुत खास बताया और अधिकारियों का आभार जताया।

श्राइन बोर्ड ने सभी यात्रियों से अपील की है कि वे सुरक्षा दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करें और किसी भी अपडेट के लिए आधिकारिक चैनलों से जुड़ें रहें। अब जब मार्ग को सुरक्षित घोषित कर दिया गया है, तो 22 सितंबर से शुरू हो रहे नवरात्रि पर्व के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है। यात्रा 26 अगस्त को स्थगित की गई थी, जब भूस्खलन ने यात्रा मार्ग को क्षतिग्रस्त कर दिया था और कई जानें चली गई थीं।

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