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गुरुग्राम : फोर्टिस गुरुग्राम ने किया ‘रेड रन टू एंड थैलसीमिया’ का आयोजन; एक्टर जैकी श्रॉफ ने दिया समर्थन

रिपोर्टर इंडिया नाउ 24 सुरेंद्र गुरुग्राम

फोर्टिस गुरुग्राम ने किया ‘रेड रन टू एंड थैलसीमिया’ का आयोजन; एक्टर जैकी श्रॉफ ने दिया समर्थ

2035 तक थैलसीमिया के उन्मूलन के लिए राष्ट्रव्यापी आंदोलन – ‘मिशन 2035’ लॉन्च ~

गुरुग्राम, 27 अप्रैल, 2025: फोर्टिस हेल्थकेयर ने *2035 तक थैलसीमिया के उन्मूलन के उद्देश्य से देशव्यापी आंदोलन ‘मिशन 2035’ लॉन्च करने की आज घोषणा की है। इस महत्वाकांक्षी पहल को ध्यान में रखकर फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम ने रेड रन टू एंड थैलसीमिया का आयोजन किया। आम जनता को जागरूक बनाने के मकसद से आयोजित इस दौड़ में 2,000 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया और लगभग 5 किलोमीटर का फासला तय किया।

इस अवसर पर, थैलसीमिया जागरूकता के ब्रैंड एंबैसडर बॉलीवुड एक्टर जैकी श्रॉफ भी उपस्थित थे। उनकी मौजूदगी से इस महत्वपूर्ण हेल्थकेयर मूवमेंट को समर्थन मिला। इस अवसर पर अन्य कई *मेडिकल प्रोफेशनल्स, नीति-निर्माता, गैर सरकारी संगठन, मरीजों के लिए समर्पित एडवोकेसी ग्रुप्स तथा अन्य नागरिक भी उपस्थित थे जो थैलसीमिया को जड़ से समाप्त करने के लिए कार्यरत हैं। थैलसीमिया ऐसा आनुवांशिक रक्त विकार (जेनेटिक ब्लड डिसऑर्र) है जिससे बचाव संभव है, लेकिन इसके बावजूद भारत में ही हर साल लगभग 10,000 से 15,000 बच्चे थैलसीमिया के साथ जन्म लेते हैं। मिशन 2035 का उद्देश्य इस बारे में जागरूकता, प्रारंभिक स्क्रीनिंग तथा जेनेटिक काउंसलिंग को बढ़ावा देने के साथ-साथ, उपचार तक पहुंच में सुधार लाना, तथा नए मामलों की रोकथाम के लिए नीतिगत सुधारों की वकालत कर इस स्थिति में बदलाव लाना है।
मिशन 2035 के अंतर्गत फोर्टिस हेल्थकेयर की प्रमुख सिफारिशें इस प्रकार हैं.

थैलसीमिया को अधिसूचित रोग घोषित करें और केंद्रीय डैशबोर्ड लॉन्च करेंःमामलों की रियल-टाइम ट्रैकिंग और क्षेत्रीय आधार पर हस्तक्षेप।

अधिक प्रसार वाले इलाकों में लक्षित ज्ञान कार्यान्वयनः देशव्यापी स्तर पर कार्यान्वयन से पहले, हेल्थकेयर कर्मियों को प्रशिक्षण देने, जागरूकता बढ़ाने, तथा जेनेटिक काउंसलिंग तक पहुंच में विस्कार के लिए हॉटस्पॉट्स से करें शुरुआत
राष्ट्रीय कैम्पेन – ‘थैलसीमिया पीड़ित कोई नया जन्म नहीं’ व्यापक कैरियर स्क्रीनिंग, विवाह-पूर्व तथा प्रसव पूर्व जांच, तथा थैलसीमिया स्क्रीनिंग को अनिवार्य रूप से प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य (आरसीएच) कार्यक्रम में शामिल करना।

एचपीएलसी टेस्टिंग तक पहुंच में विस्तारः आरंभिक और सटीक डायग्नॉसिस के लिए हाइ परफॉरमेंस लिक्विड क्रोमेटोग्राफी (एचपीएलसी) मशीनों की उपलब्धता बढ़ाना।

रोकथाम पर ज़ोर देने के साथ-साथ मौजूदा मरीजों के लिए देखभाल तंत्र को मजबूत बनानाः हेमेटोपोएटिक स्टेल सेल ट्रांसप्लांटेशन (एचएससीटी) तक पहुंच में सुधार और उदीयमान जीन थेरेपी को अपनाने पर जोर देना।

जैकी श्रॉफ ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा थैलसीमिया का उन्मूलन करना केवल मेडिकल लक्ष्य ही नहीं है

– बल्कि नैतिक दायित्व भी है। भारत में हर साल लगभग 10,000 से 15,000 थैलसीमिया मेजर के नए मामले सामने आते हैं। यह एक ऐसा मौन संकट है जो लगातार अनगिनत परिवारों को, खासतौर से कम सुविधा-प्राप्त क्षेत्रों में, प्रभावित करता आ रहा है। आरंभिक स्तर पर स्क्रीनिंग और जागरूकता से अनेक बच्चों को आजीवन परेशानी से बचाया जा सकता है।
मैं इस *मिशन 2035* पहल के लिए फोर्टिस हेल्थकेयर का पूरा समर्थन करता हूं, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए अधिक सेहतमंद भविष्य का निर्माण करने में मददगार साबित होगा। हम मिल-जुलकर, इस संदेश को बड़े पैमाने पर पहुंचाएंगे, क्योंकि बचाव की शुरुआत जागरूकता से ही होती है.

डॉ विकास दुआ, प्रिंसीपल डायरेक्टर एंड हेड – पिडियाट्रिक हेमेटोलॉजी, हेमेटो ओंकोलॉजी एंड बोन मैरो ट्रांसप्लांट, फोर्टिस गुरुग्राम ने कहा, थैलसीमिया ऐसा आजीवन बोझ है जो न सिर्फ बच्चे को बल्कि पूरे परिवार को भी शारीरिक, भावनात्मक और वित्तीय स्तर पर काफी प्रभावित करता है। लेकिन, इससे पूरी तरह से बचाव किया सकता है जिसके लिए समय पर स्क्रीनिंग तथा जेनेटिक काउंसलिंग की जरूरत होती है। प्रेग्नेंसी के दौरान, सूचना आधारित फैसला लेने से पूरे जीवनभर की परेशानी से बचा जा सकता है। पिडियाट्रिक हेमेटोलॉजिस्ट के रूप में, मैंने यह देखा है कि किस प्रकार आरंभिक हस्तक्षेप से जीवन बचाया जा सकता है। मिशन 2035 ऐसी महत्वपूर्ण पहल है जो यह सुनिश्चित करेगी कि भारत में कोई भी थैलसीमिया-ग्रस्त बच्चा जन्म नहीं ले। मिल-जुलकर प्रयास करने, जागरूकता और नीतिगत समर्थन के बलबूते हम इस विज़न को साकार कर सकते हैं।”

डॉ आशुतोष रघुवंशी, एमडी एवं सीईओ, फोर्टिस हेल्थकेयर ने कहा, “मिशन 2035 प्रीवेंटिव हेल्थकेयर और थैलसीमिया मुक्त भारत की दिशा में हमारी प्रतिबद्धता है। इस सिलसिले में, रेड रन का आयोजन केवल सांकेतिक नहीं है, बल्कि हमारी संयुक्त इच्छा शक्ति की ताकतवर अभिव्यक्ति भी है। थैलसीमिया से बचाव संभव है, और हमें इसके प्रसार को रोकने के लिए शुरुआती स्क्रीनिंग, जेनेटिक काउंसलिंग तथा आम जनता को शिक्षित करना जरूरी है।

फोर्टिस में, हमारा मानना है कि हेल्थकेयर का संबंध बचाव से भी उतना ही है जितना की देखभाल से होता है। आइये, आज के दिन को हम हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स, नीति-निर्माताओं तथा समुदायों संयुक्त प्रयास की शुरुआत के रूप में देखें, और यह सुनिश्चित करें कि कोई भी बच्चा थैलसीमिया के साथ जन्म न लें। हम मिलकर, अधिक सेहतमंद और मजबूत भारत का निर्माण कर सकते हैं.

यश रावत, फेसिलिटी डायरेक्टर, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम* ने कहा, “रेड रन फॉर थैलसीमिया इस रक्त विकार के बारे में जागरूकता बढ़ाने, शुरुआती स्क्रीनिंग को बढ़ावा देने तथा इससे बचाव के लिए जरूरी कार्रवाई करने को प्रोत्साहित करने की दिशा में शक्तिशाली पहल है। हम ऐसे भविष्य का निर्माण करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जिसमें थैलसीमिया किसी पर बोझ नहीं बने। हम इस दिशा में हमारे अभियान से जुड़ने के लिए श्री जैकी श्रॉफ के प्रति आभार व्यक्त करते हैं, जो अधिकाधिक लोगों को थैलसीमिया-मुक्त भारत के निर्माण की दिशा में सार्थक कदम उठाने के लिए प्रेरित करने के काम में हमें मदद दे रहे हैं।”

इस आयोजन में कई वरिष्ठ गणमान्य अतिथियों के अलावा, गैर सरकारी संगठनों, मरीजों के लिए कार्यरत सपोर्ट ग्रुप्स तथा कम्युनिटी लीडर्स ने हिस्सा लिया जो थैलसीमिया प्रभावित परिजनों को समर्थन देने के लिए जमीनी स्तर पर सक्रिय हैं और इस बारे में जागरूकता भी बढ़ा रहे हैं।

फोर्टिस हेल्थकेयर लंबे समय से थैलसीमिया के खिलाफ अभियान में अग्रणी रहा है और इसकी बहुआयामी नीति में क्लीनिकल उत्कृष्टता, पब्लिक एडवोकेसी तथा कम्युनिटी आउटरीच का मेल शामिल है। अपनी एडवांस डायग्नास्टिक शाखा एगिलस डायग्नॉस्टिक्स, तथा स्पेश्यलाइज़्ड हेमेटोलॉजी विभागों की मदद सेख् फोर्टिस स्क्रीनिंग, जेनेटिक काउंसलिंग, बोन मैरो ट्रांसप्लांट तथा नई उभर रहीं जीन थेरेपी की सुविधा प्रदान करता है। स्कूलों एवं कॉलेजों में आयोजित कार्यक्रमों तथा गैर-सरकारी संगठनों के साथ परस्पर सहयोग, और सरकारी निकायों के साथ भागीदारियों के माध्यम से, फोर्टिस प्रीवेंटिव केयर के लिए अपने प्रयासों को मजबूती के साथ आगे बढ़ा रहा है। मिशन 2035 के साथ, फोर्टिस ने न सिर्फ थैलसीमिया के उपचार बल्कि इसके पूर्ण उन्मूलन के लिए भी अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी है, और एक ऐसा हेल्थकेयर इकोसिस्टम तैयार करने की दिशा में पहल की है जो बचाव, आरंभिक हस्तक्षेप, तथा सूचना आधारित फैसला लेने में सक्षम हो।

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