गाजीपुर : धर्म न्याय सेवा और संस्कृति का समन्वय था माता अहिल्या बाई का शासन काल: डॉ संतोष यादव

बेद प्रकाश पाण्डेय ब्यूरो चीफ गाजीपुर।
आज दिनांक।26/05/025को
धर्म न्याय सेवा और संस्कृति का समन्वय था माता अहिल्या बाई का शासन काल: डॉ संतोष यादव
बहरियाबाद, गाज़ीपुर।आज विधानसभा जखनिया अंतर्गत पुण्य श्लोका,लोक माता अहिल्याबाई होल्कर के त्रिशताब्दी जयंती स्मृति महोत्सव के शुभ उपलक्ष्य में बहरियाबाद बाजार स्थित राज पैलेस में पंचायत प्रतिनिधियों का सम्मेलन आयोजित हुआ जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री नंदकिशोर पांडेय, यशस्वी जिलाध्यक्ष श्री ओमप्रकाश राय, पूर्व प्रत्याशी रामराज बनवासी, राजेश राजभर,संदीप सिंह सोनू सहित सैकड़ों की संख्या में सम्मानित ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य गण एवं पदाधिकारी गण उपस्थित होकर लोक माता अहिल्याबाई होल्कर के देश, धर्म, समाज और संस्कृति के लिए समर्पित, लोक कल्याणकारी जीवन दर्शन से प्रेरणा प्राप्त किए l पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होलकर भारतीय संस्कृति की एक अद्वितीय और प्रेरणादायी शख़्सियत थीं। माता अहिल्याबाई ने भारत भर के अनेक प्राचीन मंदिरों का जीर्णोद्धार और पुनर्निर्माण कराया, जिनमें काशी विश्वनाथ मंदिर,सोमनाथ मंदिर,त्र्यंबकेश्वर और रामेश्वरम प्रमुख हैं।उन्होंने तीर्थस्थलों पर धर्मशालाएँ, कुएँ, जलकूप, घाट और सरायें भी बनवायीं, जिससे यात्रियों और श्रद्धालुओं को सुविधा हो।अहिल्याबाई ने इंदौर और मालवा क्षेत्र में जनकल्याणकारी शासन स्थापित किया।उन्होंने महिलाओं, किसानों और गरीबों के हित में कई कार्य किए, और शोषण के विरुद्ध कठोर रुख अपनाया।उन्होंने यह सिद्ध किया कि नारी शक्ति समाज और शासन दोनों में परिवर्तन ला सकती है।अहिल्याबाई ने विद्वानों, संतों और कवियों को संरक्षण दिया।उन्होंने संस्कृत और धर्मशास्त्र की शिक्षा को प्रोत्साहन दिया और शिक्षालयों की स्थापना करवाई।वे स्वयं धार्मिक और भक्ति मार्ग की अनुयायी थीं, और तुकाराम, नामदेव जैसे संतों से प्रभावित थीं अहिल्याबाई होलकर का योगदान भारतीय संस्कृति में अविस्मरणीय है। वे एक ऐसी शासिका थीं जिन्होंने धर्म, न्याय, सेवा और संस्कृति का समन्वय करते हुए एक आदर्श “राजधर्म” का पालन किया। आज भी उन्हें “पुण्यश्लोक अहिल्याबाई” के नाम से श्रद्धा के साथ स्मरण किया जाता है। कार्यक्रम का सफल आयोजन एवं संचालन हेतु सम्मानित अतिथियों एवं पंचायत प्रतिनिधियों के प्रति डॉ संतोष यादव ने कृतज्ञता व्यक्त किया।