सीबीएसई ने 2026 से 10वीं में दो बार होगी परीक्षा

सीबीएसई ने 2026 से 10वीं में दो बार होगी परीक्षा
सीबीएसई ने फरवरी में मसौदा नीति तैयार करने के बाद सभी हितधारकों से इस पर प्रतिक्रिया मांगी थी। स्कूल प्रिंसिपल, शिक्षकों, अभिभावकों, व छात्रों से मिले फीडबैक के आधार पर अब बोर्ड ने इस व्यवस्था को लागू करने का फैसला किया है। देशभर से 64 फीसदी छात्र इस व्यवस्था के समर्थन में हैं।
केंद्रीय शिक्षा बोर्ड की दसवीं की परीक्षा अगले साल से साल में दो बार आयोजित की जाएगी। वर्ष 2026 से बोर्ड पहली परीक्षा फरवरी में और दूसरी बार परीक्षाओं का आयोजन मई में करेगा। दूसरी बार भले ही परीक्षा हो लेकिन यह सभी विषयों में नहीं होगी। छात्र केवल तीन विषयों में अपने प्रदर्शन को सुधार सकेंगे। दूसरी बार छात्रों को विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान और भाषाओं में से किसी भी तीन विषयों में अपने प्रदर्शन को बेहतर करने की अनुमति मिलेगी। दोनों परीक्षाओं में जिस परीक्षा में बेहतर अंक होंगे वह ही मान्य होंगे।
सीबीएसई ने फरवरी में मसौदा नीति तैयार करने के बाद सभी हितधारकों से इस पर प्रतिक्रिया मांगी थी। स्कूल प्रिंसिपल, शिक्षकों, अभिभावकों, व छात्रों से मिले फीडबैक के आधार पर अब बोर्ड ने इस व्यवस्था को लागू करने का फैसला किया है। देशभर से 64 फीसदी छात्र इस व्यवस्था के समर्थन में हैं। इस व्यवस्था के संबंध में जानकारी देने के लिए आयोजित प्रेस कांफ्रेस में सीबीएसई चेयरमैन राहुल सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सिफारिशों और हितधारकों से प्राप्त परामर्श के आधार पर सीबीएसई ने 2026 से दसवीं कक्षा में दो बोर्ड परीक्षाओं की नीति को लागू करने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था के तहत एक बार मुख्य परीक्षा होगी जिसमें सभी छात्रों के लिए शामिल होना अनिवार्य है। जबकि दूसरी परीक्षा सुधार के लिए होगी। यह पूरी तरह से वैकल्पिक होगी। बोर्ड ने छात्रों के लिए परीक्षा परिणाम में सुधार के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है। इस व्यवस्था को लाने के पीछे बोर्ड का उद्देश्य परीक्षा से जुड़े दबाव को कम करना है।
सीबीएसई परीक्षा नियंत्रक डॉ संयम भारद्वाज ने बताया कि दोनों परीक्षाओं में पूरा पाठ्यक्रम शामिल होगा जिससे छात्रों के ज्ञान और कौशल का व्यापक मूल्यांकन सुनिश्चित होगा। भले ही परीक्षा साल में दो बार आयोजित होगी लेकिन आंतरिक मूल्यांकन साल में एक ही बार आयोजित किया जाएगा। छात्रों को दोनों सत्रों में उपस्थित होने और अपनी तैयारी के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प चुनने का अवसर मिलेगा।
परीक्षा नियंत्रक ने बताया कि यदि कोई छात्र पहली परीक्षा में तीन या अधिक विषयों में शामिल नहीं हुआ है, तो उसे दूसरी परीक्षा में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी। ऐसे छात्रों को आवश्यक पुनरावृत्ति श्रेणी में रखा जाएगा और वे अगले साल वर्ष 2027 में फरवरी के महीने में मुख्य परीक्षाओं में ही परीक्षा दे सकते हैं।
पहली परीक्षा से दूसरी परीक्षा में विषय परिवर्तन की अनुमति नहीं दी जाएगी पहली परीक्षा संपन्न होने के बाद अप्रैल तक इसके नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे जो कि बारहवीं कक्षा से पहले जारी होंगे। इसके बाद जब मई के मध्य में दूसरी बार परीक्षा आयोजित होगी तो उसके नतीजे जून के अंत तक घोषित कर दिए जाएंगे।
वर्तमान में सीबीएसई की ओर से 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं साल में एक बार आयोजित की जाती है। बोर्ड के अनुसार नई व्यवस्था के तहत वर्ष 2026 में दसवीं की परीक्षा अनुमानित 26.60 लाख छात्र देंगे। खिलाड़ी छात्रों को उन विषयों में दूसरी परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाएगी जिनकी परीक्षाएं उनके खेल आयोजन के साथ मेल खाती हैं।