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यूपी रेलवे ट्रैक के रखवालों से अपने बंगलों की सफाई करा रहे अफसर, काम न करने पर नौकरी से निकालने की दे रहे धमकी

यूपी रेलवे ट्रैक के रखवालों से अपने बंगलों की सफाई करा रहे अफसर, काम न करने पर नौकरी से निकालने की दे रहे धमकी

पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल में ट्रैकमैनों से रेलवे अफसर अपने घरों और बंगलों की सफाई, घास कटाई और निजी काम करा रहे हैं। काम न करने पर नौकरी से हटाने की धमकी भी दी जा रही है। इससे पटरियों की सुरक्षा का खतरा बढ़ गया है।

पहला मामला: अफसर के घर में काट रहे घास

ऐशबाग के सीनियर सेक्शन इंजीनियर अपने बुद्धेश्वर स्थित बंगले पर 8-10 ट्रैक मेंटेनरों से घर की सफाई और घास कटवा रहे थे। ट्रैक मेंटेनरों से सामान ढुलाई भी कराई जा रही थी। इसकी तस्वीरें वायरल हो गईं। एनई रेलवे मजदूर यूनियन ने डीआरएम से शिकायत की है।दूसरा मामला: ड्यूटी लगी कहीं हाजिरी कहीं औरबादशाहनगर सेक्शन के ट्रैक मेंटेनर झब्बूलाल और मलहारे पीडब्लूआई के मटियारी स्थित बंगले पर निजी काम करते पाए गए, जबकि उनकी हाजिरी ऐशबाग में लग रही थी। इस पर ऑल इंडिया रेलवे ट्रैक मेंटेनर एसोसिएशन ने नाराजगी जताई और कार्रवाई की मांग की।

ये मामले पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल से जुड़े हैं, जो बता रहे हैं कि जिन ट्रैक मेंटेनरों की जिम्मेदारी रेलवे पटरियों की मरम्मत और देखभाल की होती है, उनसे रेलवे के कुछ अधिकारी अपने घरों, दफ्तरों की सफाई और निजी काम करा रहे हैं। काम न करने पर नौकरी से हटाने की धमकी भी दी जा रही है। इससे पटरियों की सुरक्षा पर खतरा बढ़ गया है।

गैंगमैनों की सक्रियता से टला था हादसा

गर्मी, बरसात, सर्दी कोई भी मौसम हो, गैंगमैनों, ट्रैक मेंटेनरों की पैनी निगाहें पटरियों की मरम्मत के साथ-साथ लगातार इसकी देखरेख करती हैं, ताकि ट्रेनें रफ्तार भर सकें। पूर्वोत्तर रेलवे के डालीगंज-बादशाहनगर रेलवे स्टेशन के बीच 308 पेंड्रोल क्लिपों के गायब होने के मामले में गैंगमैनों की सक्रियता से ही हादसा टला था। यह सक्रियता बनी रहे, इसके लिए जरूरी है कि ट्रैकमैन मेंटेनेंस के काम में लगे रहें, लेकिन रेलवे अफसर अगर इनसे निजी काम कराएंगे, तो यह पटरियों की सुरक्षा कैसे करेंगे, यह सवाल उठ रहा है।एनई रेलवे मजदूर यूनियन और ऑल इंडिया रेलवे ट्रैक मेंटेनर एसोसिएशन ने डीआरएम गौरव अग्रवाल के समक्ष सोशल मीडिया के जरिये इसकी शिकायत की है। मीडिया प्रभारी रमेश कुमार ने बताया कि इंजीनियरिंग विभाग के रेलवे अफसरों के ऐसे काम से ट्रैक की सुरक्षा प्रभावित हो रही है।
इतने पद हैं रिक्त
लखनऊ मंडल
वर्किंग गैंगमैन
रिक्त
दफ्तर व घरों में
उत्तर रेलवे
3,400
1,800
200
पूर्वोत्तर रेलवे
4,000
1,500
125
पूर्वोत्तर रेलवे के डीआरएम गौरव अग्रवाल ने बताया कि ट्रैक मेंटेनरों की ड्यूटी ट्रैक मेंटेनेंस की है। उनसे अन्य कार्य नहीं लिए जा सकते। ऐसा करने वालों की जांच कराई जाएगी। दोषी अफसरों पर कार्रवाई की जाएगी।

30% ट्रैक मेंटेनर कर रहे सेवादारी

रेलवे कर्मचारी ट्रैक मेंटेनर एसोसिएशन के सहायक सचिव विश्वनाथ सिंह यादव का कहना है कि 30% से ज्यादा ट्रैक मेंटेनर इंजीनियरिंग विभाग के अफसरों के घरों और दफ्तरों में सेवा दे रहे हैं। ये हाल सिर्फ लखनऊ का नहीं है, बल्कि बाराबंकी, निहालगढ़, सुल्तानपुर जैसे इलाकों का भी है।रेलमंत्री के आदेश भी नजरअंदाज : रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्रेन हादसों के बाद साफ निर्देश दिए थे कि ट्रैक मेंटेनरों से निजी काम न लिए जाएं और उन्हें ट्रैक पर भेजा जाए, लेकिन अधिकारी इन आदेशों को भी गंभीरता से नहीं ले रहे।जोखिम भत्ता भी मिलता है: ट्रैक मेंटेनरों को ट्रैक पर काम करने के लिए हर महीने 2700 रुपये का जोखिम भत्ता मिलता है। यूनियन नेताओं का सवाल है कि बंगलों की सफाई में कैसा जोखिम? ट्रैक छोड़कर अफसरों के निजी काम कराने से ट्रेन हादसों का खतरा बढ़ रहा है।

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