यूपी की राजधानी लखनऊ में कोरोना के केस बढ़ते जा रहे हैं। रविवार को भी चार कोरोना संक्रमित मरीज सामने आए।

यूपी की राजधानी लखनऊ में कोरोना के केस बढ़ते जा रहे हैं। रविवार को भी चार कोरोना संक्रमित मरीज सामने आए।
राजधानी में रविवार को चार नए कोरोना संक्रमित मिले हैं। इसमें दो मरीज केजीएमयू में भर्ती हैं। लक्षण आने पर डॉक्टरों ने जांच कराई तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई। दो अन्य मरीज होम आइसोलेशन में हैं। सीएमओ डॉ. एनबी सिंह ने बताया केजीएमयू के मानसिक रोग विभाग में एक महिला मरीज पिछले पंद्रह दिन से भर्ती है। डाॅक्टरों की निगरानी में उसका इलाज चल रहा है। महिला मरीज में लक्षण आने पर डॉक्टरों ने नमूना लेकर जांच के लिए भेजा था। रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। दूसरा मरीज केजीएमयू के यूरोलॉजी विभाग में भर्ती हैं। उसकी भी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। डॉक्टरों का कहना है दोनों मरीजों में कोरोना के हल्के लक्षण हैं। इसके अलावा एक संक्रमित मटियारी चिनहट व दूसरा अलीगंज से मिला है। जिले में अब तक कोविड के 33 मामले मिल चुके हैं। इसमें 21 एक्टिव केस हैं।
राजधानी की चार सीएचसी में सिजेरियन ऑपरेशन बंद
राजधानी के चार सीएचसी में सिजेरियन ऑपरेशन ठप पड़े हैं। कहीं गाइनकोलॉजिस्ट का संकट है तो कहीं एनेस्थिसियोलॉजिस्ट (बेहोशी के डॉक्टर) का। ऐसे में गर्भवतियों को दूसरे अस्पतालों में रेफर किया जा रहा है। इस पूरे मामले की रिपोर्ट तलब हुई है। सीएमओ का कहना है कि जिन सीएचसी में सिजेरियन ऑपरेशन बंद हैं, वहां डॉक्टरों की तैनाती कराई जा रही है।शहर में 20 सीएचसी संचालित हो रहे हैं। अफसरों का दावा है कि 16 सीएचसी में सिजेरियन ऑपरेशन हो रहे हैं, जबकि चार सीएचसी में विशेषज्ञ न होने से यह संभव नहीं हो पा रहे हैं। इस कारण यहां आने वाली गर्भवती को क्वीनमेरी, डफरिन व झलकारीबाई अस्पताल भेजा जा रहा है।गुडंबा, नगराम व बेहटा सीएचसी में गाइनकोलॉजिस्ट व एनेस्थिसियोलॉजिस्ट नहीं है। ऑन कॉल बेहोशी के डॉक्टर मिलने बाद भी गाइनकोलॉजिस्ट न होने सिजेरियन बंद हैं। वहीं, चिनहट स्थित मदर एंड चाइल्ड विंग में गाइनकोलॉजिस्ट तैनात होने बाद भी सिजेरियन नहीं हो रहे हैं।बेहोशी के करीब पंद्रह डॉक्टरसीएमओ के अधीन स्थायी व अस्थायी डॉक्टर मिलाकर करीब 15 एनेस्थिसियोलॉजिस्ट हैं। इनमें कई सरकारी डॉक्टर ऑन कॉल सेवाएं दे रहे हैं। इसके बदले एनएचएम के जरिये उन्हें भुगतान भी किया जा रहा है। अफसरों का कहना है कि एनएचएम के जरिये भुगतान अभी तक लंंबित पड़ा है। ऐसे में वे सेवाएं देने में आनाकानी कर रहे हैं।अफसरों ने डेटा ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज करने के निर्देशसीएचसी में कार्यरत कई गाइनकोलॉजिस्ट पूरे माह में एक-दो केस ले रही हैं, जबकि आदेश महीने में पांच केस लेने का है। इसे लेकर अफसरों ने गाइनकोलॉजिस्ट के जरिये माह भर में कराए गए सिजेरियन का रिकार्ड पोर्टल पर ऑनलाइन दर्ज करने के निर्देश दिए हैं, ताकि स्थिति का पता चल सके।