लखनऊ विवाह के साल भर के भीतर भी कर सकते हैं तलाक का केस, हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट के फैसले को पलटा

लखनऊ विवाह के साल भर के भीतर भी कर सकते हैं तलाक का केस, हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट के फैसले को पलटा
हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट के फैसले को पलटते हुए एक अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि असाधारण मुश्किलों में पति या पत्नी विवाह के एक साल के अंदर भी तलाक का मुकदमा दाखिल कर सकते हैं।
हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने एक अहम फैसले में कहा है कि असाधारण मुश्किलों या उत्पीड़न का सामना कर रहे पति या पत्नी विवाह के एक साल के भीतर भी तलाक का मुकदमा दाखिल कर सकते हैं।
दरअसल, हिंदू विवाह अधिनियम के तहत दंपती विवाह के एक वर्ष के बाद ही तलाक की मांग कर सकता है। इसी आधार पर परिवार न्यायालय ने एक दंपती के आपसी समझौते के आधार पर दाखिल की गई तलाक की अर्जी को खारिज कर दिया था, जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी।
न्यायमूर्ति विवेक चौधरी और न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की खंडपीठ ने यह फैसला अंबेडकरनगर निवासी पति की अपील पर दिया। इस मामले में दंपती का विवाह 3 सितम्बर 2024 को हुआ था।संबंध बिगड़ने के कारण दोनों ने आपसी सहमति से विवाह विच्छेद का मुकदमा अंबेडकरनगर के परिवार न्यायालय में दाखिल किया। विवाह के एक वर्ष के भीतर मुकदमा दाखिल होने के आधार पर परिवार न्यायालय ने इसे खारिज कर दिया था।