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अयोध्या राम मंदिर परिसर में 14 नए मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा पांच जून को होगी। राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने आज मंदिर परिसर में भ्रमण किया।

अयोध्या राम मंदिर परिसर में 14 नए मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा पांच जून को होगी। राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने आज मंदिर परिसर में भ्रमण किया।

राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र बृहस्पतिवार को अयोध्या पहुंचे। उन्होंने मंदिर निर्माण के लिए चल रहे कार्यों को देखा। कार्यदाई संस्था के इंजीनियरों ने उन्हें मंदिर परिसर में चल रहे कार्यों की प्रगति से अवगत कराया। नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि तीन से पांच जूत तक होने वाली प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी चल रही है। पांच जून को 14 मंदिरों में प्राण प्रतिष्ठा होगी।उन्होंने बताया कि सप्तमंडपम के सात व परकोटा के छह मंदिरों की मूर्ति अयोध्या पहुंच गई है और अपने आसन पर विराजमान भी कर दी गई है। राम दरबार की मूर्ति जयपुर राजस्थान से अयोध्या के लिए निकल चुकी है। बृहस्पतिवार की देर रात तक मूर्ति पहुंच जाएगी। शुक्रवार को मूर्ति को आसन यानी राम मंदिर के प्रथम तल पर बने सिंहासन पर विराजित कर दिया जाएगा। प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान तीन जून से शुरू होगा। पांच जून को 14 मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा होगी।

प्राण प्रतिष्ठा के बाद राम दरबार व अन्य मंदिरों में दर्शन-पूजन भी शुरू हो जाएगा। राम दरबार का दर्शन सीमित संख्या में लोग कर सकेंगे। इसके लिए रोजाना 750 से एक हजार पास जारी किए जाएंगे। नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि मंदिर के निर्माण का काम पूरा हो चुका है। सप्तमंडपम व परकोटा के मंदिर भी बनकर तैयार है। अब केवल परकोटा निर्माण का काम चल रहा है। बताया कि इसकी पूरी संभावना है कि राम जन्मभूमि परिसर में चल रहे सभी प्रमुख निर्माण इस साल के अंत तक पूर हो जाएंगे।

पांच करोड़ श्रद्धालु कर चुके रामलला के दर्शननिर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि जनवरी से लेकर अब तक पांच करोड़ से अधिक श्रद्धालु रामलला के दरबार में हाजिरी लगा चुके हैं। इन दिनों रोजाना करीब एक लाख श्रद्धालु दर्शन को पहुंच रहे हैं। महाकुंभ के दौरान एक दिन में तीन से चार लाख श्रद्धालु दर्शन करते रहे। नृपेंद्र ने बताया कि श्रद्धालुओं को धूप से बचाने के लिए दर्शन पथ पर कैनोपी लगाई जा रही है। परिसर में शू रैक बन रहे हैं, अन्य सुविधाएं विकसित की जा रही हैं।

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