संडे स्पेशल कहानी : प्रेम और समर्पण

प्रेम और समर्पण
11 मई 2025
संडे स्पेशल कहानी
संकलनकर्ता : ठाकुर पवन सिंह
शुभांगी और अभय की शादी की तीसरी वर्षगांठ आने वाली थी। दोनों मिडिल क्लास फेमिली से आते थे , इसलिए वे दोनों जरूरत के हिसाब से ही पैसा खर्च करते थे।
“तुम्हारा अंगूठा जूते में से झांकने की कोशिश कर रहा है , एक नया जोड़ी क्यों नहीं ले लेते” ? शुभांगी बोली।
अभय भी बोल पड़ा “तुम्हारे हैंड बैग से भी तो कभी – कभी फुटकर पैसे गिरकर जमीन पर नाचने लगते हैं , तो कभी चाभी का गुच्छा ज़मीन पर गिर पड़ता है ?”
शुभांगी ने पहले ही कह दिया कि गर्मी बहुत है , बाहर का खाना ठीक नहीं है। हम लोग घर पर ही छोले – भटूरे बना लेंगे और आइस्क्रीम बाहर खाने चलेंगे”।
अभय चुप रहा। वर्षगांठ के दिन दोनों को ऑफिस से आने में थोड़ी देर हो गई , लेकिन जब दोनों घर वापस लौटे तो दोनों के हाथ खाली थे।
अभय चुपचाप बैठ गया। घंटी बजी कोरियर वाला था। “देखो कोरियर है “वह बोला। शुभांगी ने पार्सल खोला देखा तो उसमें एक हैंड बैग था , काले रंग का , वो भी ब्रांडेड।
शुभांगी झल्लाकर बोली “क्या जरूरत थी इतने महंगे गिफ्ट की ? काम तो चल ही रहा था ना ? कर दी ना तुमने पैसे की बर्बादी ?”
अभय मुस्कुराते हुये बोला “ठीक है , ये बताओ बैग ठीक है ना ”
दूसरी बार फिर कॉलबेल की घंटी बजी ऑफिस से प्यून कुछ सामान लेकर आया था। उसने कहा “मैडम आप अपना ये सामान ऑफिस में भूल गई थीं , मैं ले आया। “शुभांगी किचन में चाय बना रही थी। अभय ने पूछा , क्या है इसमें ?
शुभांगी बोली “मुझे तो पता नहीं , तुम ही देख लो।”
अभय ने पैकेट खोला जिसमें बाटा का काले रंग का आठ नंबर का जूता था।वह चिल्लाने लगा “क्या जरूरत थी इसकी ? काम तो चल ही रहा था न ?मोची से थोड़ा सिलवा देता , बिल्कुल ठीक था अभी ?
“नाप कर देख लो , साइज़ ठीक है ना , वरना नया जूता काटता बहुत तेज है”। शुभांगी ने कहा।
और दोनों हंसने लगे।
अभय मन में सोचने लगा खाने का क्या है , जब तक जीभ पर है , स्वाद है , वरना सब खत्म , लेकिन यह पर्स उसके कंधे पर लंबे समय तक झूलता रहेगा।
उधर शुभांगी सोच रही थी कि ये ब्रांडेड जूता उनके पैरों की शान बढ़ाता रहेगा।
यही है पति – पत्नी का प्रेम और समर्पण।
संकलनकर्ता : ठाकुर पवन सिंह
मोबाइल नंबर : 9411613020
मोबाइल नंबर : 9258563121
पता : स्टेट बैंक वाली गली में , बिधूना , जनपद औरैया , पिन कोड : 206243