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लखीमपुर- खीरी : ऐप्जा की मेहनत हुई सार्थक, मुख्यमंत्री ने दिखाई सहानुभूति,दी 10 लाख रूपये की आर्थिक मदद

ऐप्जा की मेहनत हुई सार्थक, मुख्यमंत्री ने दिखाई सहानुभूति,दी 10 लाख रूपये की आर्थिक मदद

ऐप्जा चेयरमैन रवीन्द्र मिश्रा ने मुख्यमंत्री से मिलवाया राघवेन्द्र का परिवार

(अनुपम मिश्रा)

लखीमपुर- खीरी। सीतापुर के महोली से दैनिक जागरण के दिवंगत पत्रकार की पत्नी ,उनके बच्चों और माता पिता को सोमवार को चेयरमैन ऐप्जा रवीन्द्र मिश्रा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलवाया था। जिसके फलस्वरूप मुख्यमंत्री ने राघवेंद्र की पत्नी को दस लाख रुपए की सहायता प्रदान की है। मुख्यमंत्री के इस सहानुभूति भरे कदम से नौकरी और सीबीआई जांच की उम्मीद भी अब काफी बढ़ गई है।

विगत आठ मार्च को पत्रकार राघवेंद्र की दिन दहाड़े हत्या कर दी गई थी। मामले में पुलिस द्वारा मनगढ़ंत कहानी बनाकर खुलासा कर दिया गया और जिससे दोषियों की पौ बारह हो गई। इस बीच पक्ष विपक्ष के तमाम जन प्रतिनिधि राघवेंद्र के परिवार को झूठी दिलासा दिलाते रहे। आर्थिक सहायता पत्नी को नौकरी आदि के सपने दिखाए, किंतु अभी तक जनप्रतिनिधियों की तरफ से राघवेंद्र परिवार को केवल कोरा आश्वाशन ही मिलता रहा। अंततोगत्वा मृतक राघवेंद्र बाजपेई की पत्नी ने पत्रकार संगठन ऐप्जा से गुहार लगाई। ऐप्जा चेयरमैन रवीन्द्र मिश्रा ने अपने चीफ कोऑर्डिनेटर अनुराग सारथी के सौजन्य से सीतापुर में लालबाग चौराहे पर पूरे प्रदेश के तमाम ऐप्जा बंधुओं के साथ धरना दिया। धरने में किसान नेता पिंदर सिंह सिद्धू, शिव प्रकाश व सचेंद्र दीक्षित आदि का भरपूर साथ मिला। नवागत एसपी अंकुर अग्रवाल के आश्वाशन पर धरना समाप्त हुआ। चेयरमैन ऐप्जा रवीन्द्र मिश्रा ने राघवेंद्र परिवार को मुख्यमंत्री से मिलवाकर 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दिलवाकर अपना कर्तव्य निभाया। इससे एक बात तो साबित हो गई कि जो काम पक्ष विपक्ष के जनप्रतिनिधि नहीं कर पाए वो ऐप्जा चेयरमैन रवीन्द्र मिश्रा के दृढ़संकल्प ने कर दिखाया।

ऐप्जा चीफ कोऑर्डिनेटर अनुराग सारथी ने बताया कि ऐप्जा अभी और अधिक आर्थिक सहायता दिलाने को प्रयासरत है। आगे अगर जनप्रतिनिधियों ने रश्मि बाजपेई को नौकरी दिलाने में कोई रुचि नहीं दिखाई तो इस काम के लिए भी संगठन संघर्ष करेगा।

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