दर्दनाक हत्या का नहीं खुलासा, किसान बोले – 15 दिन बाद घेरेंगे थाना!

दर्दनाक हत्या का नहीं खुलासा, किसान बोले – 15 दिन बाद घेरेंगे थाना!
दो थानेदार बदले, हत्यारोपी अब भी आज़ाद — किसान बोले, ये न्याय नहीं तमाशा है!
हत्याकांड पर खामोश पुलिस, किसान यूनियन का अल्टीमेटम – 15 दिन में खुलासा करो!
किसान बोले – गरीबों को बना रहे बलि का बकरा, असली गुनहगार क्यों बाहर?
महिला की हत्या से उबाल, किसान बोले – अब नहीं सहेंगे पुलिसिया तमाशा!
प्रशासन को 15 दिन की मोहलत, नहीं तो थाने का होगा घेराव!
किसान बोले – हत्याकांड में नहीं कार्रवाई, लेकिन गरीबों पर डंडा क्यों?
हद में रहे पुलिस प्रशासन, नहीं तो किसान करेंगे आर-पार की लड़ाई!
महिला हत्याकांड में न इंसाफ, न इमानदारी — दो थाना प्रभारी भी असफल!
किसानों ने फूंका आक्रोश, बोले – अब अल्टीमेटम नहीं आंदोलन होगा!
हत्या के बाद गांव में खौफ, किसान बोले – अब चुप नहीं बैठेंगे!
‘न्याय नहीं मिला तो खेत से थाना पहुंचेंगे किसान’
हत्या का राज़ दबा रही है पुलिस? किसान यूनियन ने उठाए गंभीर सवाल
गरीब किसानों को बना रही निशाना, पुलिस कर रही हत्याकांड की लीपापोती!
हत्या की जांच या किसानों का उत्पीड़न
15 दिन का अल्टीमेटम, नहीं तो थाने का घेराव — अराज नैतिक भारतीय किसान यूनियन की चेतावनी
फतेहपुर | हदगांव थाना क्षेत्र सराय साबा नगरा गांव में चल रहे विवाद को लेकर अराज नैतिक भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रदीप सिंह चौहान के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने हदगांव थाना क्षेत्र का दौरा किया। मौके पर गांव की स्थिति का जायजा लेने पहुंचे प्रदीप सिंह चौहान ने स्थानीय पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि यदि 15 दिन के भीतर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, तो यूनियन थाने का घेराव करेगी और कोई समझौता नहीं होगा।
प्रतिनिधिमंडल में मौजूद प्रमुख लोग —
संजय तिवारी, अजय प्रजापति, दानिश, हसीब अहमद, हरे बाबा और रमेश सहित कई पदाधिकारियों ने ग्रामीणों से बातचीत की और पुलिस की निष्क्रियता पर नाराज़गी जताई।
“अब चुप नहीं बैठेंगे, न्याय चाहिए!” — प्रदीप सिंह चौहान
प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा:
“पुलिस अगर जनता की बात नहीं सुनेगी तो किसान अब सड़कों पर उतरकर जवाब देगा। 15 दिन का अल्टीमेटम आखिरी चेतावनी है, इसके बाद थाने का घेराव तय है।”
प्रशासन पर दबाव बढ़ा
यदि प्रशासन ने समय रहते कार्रवाई नहीं की, तो यह मुद्दा जिले में बड़ा जन आंदोलन बन सकता है।
“पुलिस-प्रशासन किसानों और ग्रामीणों की आवाज सुने, अन्यथा जनाक्रोश की आग बुझाना मुश्किल होगा।”
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Balram Singh
India Now24