गर्भवती महिला हो या बुजुर्ग, रेलिंग के आगे सब लाचार – NHAI और प्रशासन बने मौन दर्शक

गर्भवती महिला हो या बुजुर्ग, रेलिंग के आगे सब लाचार – NHAI और प्रशासन बने मौन दर्शक
फतेहपुर अस्पताल का ‘मौत का डिवाइडर’ – तीन फुट की रेलिंग पार करना बना जीवन और मौत का सवाल
जेड आकार का रास्ता बंद, इंसानियत भी बंद? – रेलिंग पार कर इलाज पाने मजबूर जनता
विकास के नाम पर जान का जोखिम! – क्या गर्भवती महिलाओं की चीख NHAI नहीं सुन पा रहा?
फतेहपुर अस्पताल पहुंचना बना चुनौती – डिवाइडर पार करते मरीजों की जान दांव पर
सवालों के घेरे में NHAI: “डिवाइडर जरूरी या जनता की जान?”
#इलाज के लिए फांदनी पड़ रही रेलिंग – प्रशासन की चुप्पी पर गरजी जनता
फतेहपुर: रेलिंग का संकट, मरीजों की जान पर खेल रही NHAI और प्रशासन की नींद
फतेहपुर जिला अस्पताल के सामने NH-2 पर बेरुखी का नया प्रतीक बनती जा रही है लोहे की तीन फुट ऊंची रेलिंग। जनता, खासकर गर्भवती महिलाएं, वृद्ध और विकलांग, अस्पताल पहुंचने के लिए रेलिंग फांदने को मजबूर हैं। ‘Z’ आकार का पुराना रास्ता बंद होने से मरीजों को या तो लंबा चक्कर लगाना पड़ता है या फिर रेलिंग पर जान जोखिम में डालनी पड़ती है।
जनता की पीड़ा, प्रशासन की चुप्पी
गर्भवती महिलाएं, बच्चों को गोद में लिए माताएं और बुजुर्ग भी रेलिंग पार कर अस्पताल जा रहे हैं। एक बुजुर्ग ने कहा, “ऑपरेशन के लिए जा रहे हैं, लेकिन रास्ता और लाइट दोनों की चिंता है।” स्थानीय लोगों, समाजसेवियों और मरीजों ने कई बार जिलाधिकारी, CMO और CMS को ज्ञापन दिए, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
प्रशासन और NHAI की बेरुखी
NHAI ने जेड आकार का रास्ता बंद कर दिया, जिससे अस्पताल आने वाले मरीजों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन और NHAI की चुप्पी ने जनता की जिंदगी को दांव पर लगा दिया है। गर्भवती महिलाएं, वृद्ध और विकलांग रेलिंग पर फंसकर मौत का डर झेल रहे हैं।
India Now24 जिलाधिकारी फतेहपुर से अपील करता है कि तत्काल कार्रवाई करते हुए NHAI को निर्देशित करें कि रेलिंग के पास मानवीय सुविधा का रास्ता जल्द खोला जाए। जेड आकार वाला पुराना मार्ग फिर से बहाल किया जाए और गर्भवती महिलाओं, वृद्धों व विकलांगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल समाधान लागू किया जाए।
सवाल: क्या NHAI के लिए डिवाइडर इंसानी जिंदगी से ज्यादा कीमती है? क्या प्रशासन की संवेदनशीलता इतनी खोखली हो चुकी है कि गर्भवती महिलाओं को रेलिंग फांदकर इलाज लेना पड़े?
India Now24 जनता की आवाज बनकर खड़ा है और प्रशासन से सवाल करता है:
“कब जागेगा प्रशासन?”
“कब तक मरीजों को जान जोखिम में डालना पड़ेगा?”
“क्यों नहीं सुन रहा प्रशासन?”
अखबारी स्टाइल में अंतिम पंक्ति:
“जिलाधिकारी और NHAI को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए, क्योंकि जनता की जिंदगी किसी भी विकास से बढ़कर है
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Balram Singh
India Now24