लखनऊ केजीएमयू में वार्डों तक दलालों की घुसपैठ, बेरोकटोक मरीजों तक पहुंचा रहे दवाएं; जिम्मेदार उदासीन

लखनऊ केजीएमयू में वार्डों तक दलालों की घुसपैठ, बेरोकटोक मरीजों तक पहुंचा रहे दवाएं; जिम्मेदार उदासीन
राजधानी स्थित केजीएमयू में वार्डों तक दलालों की घुसपैठ है। वह बेरोकटोक मरीजों तक दवाएं पहुंचा रहे हैं। हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ, इसमें यूरोलॉजी विभाग में दलाल वार्ड में घुसकर दवा बेचते दिख रहे हैं।
राजधानी लखनऊ में किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में निजी मेडिकल स्टोर के दलालों ने वार्ड तक घुसपैठ बना रखी है। बिना रोकटोक ये दलाल वार्ड तक मरीजों को दवाएं पहुंचा रहे हैं, जबकि संस्थान में हॉस्पिटल रिवॉल्विंग फंड (एचआरएफ) के माध्यम से सस्ती दवाएं उपलब्ध हैं। संस्थान के यूरोलॉजी वार्ड में बाहर से दवाएं पहुंचाते हुए ऐसे ही एक दलाल का वीडियो वायरल हुआ है।
केजीएमयू में एचआरएफ के माध्यम से 60 से 70 फीसदी तक कम कीमत पर दवाएं उपलब्ध हैं। इसके बावजूद निजी मेडिकल स्टोर के दलाल वार्ड में आकर मरीजों को बेड तक दवाएं पहुंचाते हैं। जानकारी के अभाव में मरीज और तीमारदार इनके जाल में फंस जाते हैं। वायरल वीडियो में यूरोलॉजी विभाग में दलाल वार्ड में घुसकर दवा बेचते दिख रहे हैं।
एचआरएफ काउंटर से दवाएं न लेने पर जताई आपत्ति
इसमें दलाल गत्ते और पैकेट में दवा लेकर लिफ्ट से वार्ड में दाखिल हो रहा है और जगन, धर्मेंद्र और महेश को दवाएं बेचकर चला गया। बची हुई दवाएं वापस करने के लिए जब तीमारदार एचआरएफ काउंटर पर पहुंचे तो वहां मौजूद कर्मी ने कहा कि ये दवाएं बाहर की हैं। साथ ही एचआरएफ काउंटर से दवाएं न लेने पर आपत्ति भी जताई।
गार्डों को नहीं नजर आते दलाल
केजीएमयू प्रवक्ता प्रो. केके सिंह ने बताया कि केजीएमयू में कहने को तो सैकड़ों सुरक्षाकर्मी हैं, लेकिन इनकी सख्ती सिर्फ मरीज और उनके तीमारदारों तक ही सीमित रहती है। दलालों के सामने उनकी सख्ती गुम हो जाती है।
केजीएमयू में एचआरएफ के माध्यम से सस्ती दवाएं उपलब्ध हैं। जानकारी के अभाव में तीमारदार दलालों के जाल में फंसते हैं। संस्थान में मरीज और तीमारदारों की संख्या काफी अधिक रहती है। इस वजह से बाहरी तत्व पकड़ में नहीं आ सके। इस पर और सख्ती की जाएगी।
				
