यूपी: निलंबित IAS अभिषेक प्रकाश को घूस मांगने समेत दोनों मामलों में मिला आरोप पत्र, मार्च से चल रहे सस्पेंड

यूपी: निलंबित IAS अभिषेक प्रकाश को घूस मांगने समेत दोनों मामलों में मिला आरोप पत्र, मार्च से चल रहे सस्पेंड
Iसोलर कंपनी से सब्सिडी के एवज में घूस मांगने के आरोप में इन्वेस्ट यूपी के तत्कालीन सीईओ अभिषेक प्रकाश को 20 मार्च को निलंबित कर दिया गया था।
निलंबित आईएएस अभिषेक प्रकाश की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उन्हें सोलर कंपनी से सब्सिडी के एवज में रिश्वत मांगने और भटगांव जमीन अधिग्रहण घोटाले में आरोपपत्र दे दिया गया है। नियुक्ति विभाग की ओर से भेजे गए दोनों आरोपपत्र उन्होंने प्राप्त भी कर लिए हैं।
सोलर कंपनी से सब्सिडी के एवज में घूस मांगने के आरोप में इन्वेस्ट यूपी के तत्कालीन सीईओ अभिषेक प्रकाश को 20 मार्च को निलंबित कर दिया गया था। उससे पहले 2021 में लखनऊ के भटगांव में जमीन अधिग्रहण घोटाले के मामले में भी वे जिम्मेदार ठहराए गए हैं। डिफेंस कॉरिडोर के लिए भटगांव की जमीन अधिग्रहीत की गई थी। इसमें सारे नियम-कायदों को ताक में रखकर फर्जी ढंग से नौकरशाहों और राजनेताओं के नजदीकियों को फायदा पहुंचाया गया।
जिनकी जमीन नहीं थी, फर्जी पट्टे के आधार पर उन्हें पहले मालिकाना हक दिया गया, फिर उस जमीन को नजदीकियों के नाम कराया गया। इन नजदीकियों ने ही यूपीडा के साथ जमीन की बिक्री का अनुबंध कर मुआवजे के तौर पर मोटी रकम हड़पी। अभिषेक प्रकाश को दिए गए आरोपपत्र में फर्जी पट्टे के आधार पर संक्रमणीय भूमिधर अधिकार देने और शासकीय धन को क्षति पहुंचाने समेत कई आरोपों का जिक्र किया गया है।
वहीं, अभिषेक प्रकाश पर एसएईएल सोलर पॉवर कंपनी का प्रोजेक्ट मंजूर करने के लिए घूस मांगने का आरोप भी है। इस मामले में सोलर कंपनी की ओर से राजधानी के गोमतीनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। पुलिस ने बिचौलिये निकांत जैन को हुसड़िया चौराहे के पास से गिरफ्तार कर जेल भी भेजा था। सूत्रों के मुताबिक, अभिषेक प्रकाश ने कंपनी संचालकों से निकांत जैन से संपर्क करने को कहा था। मूल रूप से मेरठ के शांतिनगर का निवासी निकांत जैन ने प्रोजेक्ट को मंजूर करने के लिए उसकी कुल लागत की 5 फीसदी रकम रिश्वत के रूप में मांगी थी। अभिषेक प्रकाश को एक माह के भीतर इन आरोपों का जवाब देना है।