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लखनऊ अब विवि कर्मियों के नाम से सरकारी आवासों के होंगे बिजली कनेक्शन, राजभवन ने जारी किए निर्देश

लखनऊ अब विवि कर्मियों के नाम से सरकारी आवासों के होंगे बिजली कनेक्शन, राजभवन ने जारी किए निर्देश

विश्वविद्यालय या कॉलेज अपने नाम से कनेक्शन लेते हैं। इसके बाद वे कर्मचारियों को लिंक कनेक्शन देते हैं। इसमें सभी को एक सामान्य चार्ज पर बिजली दी जाती है। जबकि कार्मिक अपने यहां बिजली का भारी प्रयोग करते हैं। अब विवि कर्मियों के नाम से बिजली कनेक्शन दिए जाएंगे।

उत्तर प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों के भी बिजली कनेक्शन के लिए चल रही कवायद के बीच राज्य विश्वविद्यालयों व संस्थानों के सरकारी आवासों में रह रहे कर्मियों को भी उनके अपने नाम से बिजली कनेक्शन लेना होगा। राजभवन ने इसके लिए सभी राज्य विश्वविद्यालयों को निर्देश जारी किए हैं। साथ ही इसके बारे में रिपोर्ट भी मांगी है।

राजभवन ने पॉवर कार्पोरेशन के प्रबंध निदेशक के पत्र का हवाला देते हुए कहा है कि राज्य विश्वविद्यालयों, संस्थानों के सरकारी आवासों में रह रहे अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा अपने निजी नाम से विद्युत कनेक्शन नहीं लिया गया है। जबकि नियमानुसार यह होना चाहिए। इससे विद्युत व्यवस्था में सुधार भी होगा और कार्मिकों को भी फायदा मिलेगा।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के विशेष कार्याधिकारी डॉ. पंकज एल जानी ने सभी राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपति व संस्थान निदेशकों को इसके लिए पत्र जारी करते हुए इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने पूछा है कि विवि-संस्थानों के सरकारी आवासों में रह रहे अधिकारियों कर्मचारियों के निजी नाम से कनेक्शन हुए हैं या नहीं? उनके आवास में मीटर लगे हैं या नहीं? मीटर न लगे होने का कारण, इसके बारे में विस्तृत रिपोर्ट दी जाए।जानकारी के अनुसार विश्वविद्यालयों व संस्थानों में कई कार्मिक लंबे समय तक बिल नहीं जमा करते हैं और फिर सेवानिवृत्त होने या कहीं और तबादला होने पर विश्वविद्यालयों को इसका पूरा भार उठाना पड़ता है। बिजली बिल के साथ ही इसका ब्याज भी विश्वविद्यालय व संस्थान को ही उठाना पड़ता था। इस व्यवस्था से उन्हें हर महीने बिल जमा करना होगा, अन्यथा बिजली विभाग नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई करेगा।

सामान्य चार्ज पर करते हैं ज्यादा इस्तेमाल

एक विश्वविद्यालय के अधिकारी ने बताया कि अभी की व्यवस्था में विश्वविद्यालय या कॉलेज अपने नाम से कनेक्शन लेते हैं। इसके बाद वे कर्मचारियों को लिंक कनेक्शन देते हैं। इसमें सभी को एक सामान्य चार्ज पर बिजली दी जाती है। जबकि कार्मिक अपने यहां बिजली का भारी प्रयोग करते हैं। इसकी वजह से बिजली विभाग को आर्थिक नुकसान हो रहा है। यही वजह है कि वह सीधे कनेक्शन देने के लिए प्रयास कर रहा है।सुधार होगा और कम प्रयोग करने वाले को फायदा भी- इस व्यवस्था के तहत विश्वविद्यालयों या संस्थानों में अभी तक उनका ट्रांसफार्मर लगा होता है। इस व्यवस्था के तहत लोड बढ़ने पर बिजली विभाग नया ट्रांसफार्मर लगाएगा और लाइन व्यवस्था में भी सुधार करेगा।- जितना प्रयोग, उसके अनुसार बिल लिया जाएगा। इससे कम प्रयोग करने वाले कर्मचारियों को फायदा होगा। कुछ विश्वविद्यालयों व संस्थानों में इसकी कवायद शुरू की गई थी लेकिन पूरी तरह से प्रभावी नहीं हो पाई है।

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