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असद का एनकाउंटर, अतीक-अशरफ की हत्या; माफिया के खात्मे के बाद क्यों उड़ी मुकदमा दर्ज कराने वाले रमाकांत की नींद

प्रयागराज: माफिया अतीक अहमद और अशरफ के खात्मे से भले ही तमाम पीड़ितों को चैन मिला हो लेकिन एक शख्स ऐसा है, जिसकी नींद उड़ गई है। वो है शुआट्स (सैम हिग्गिन बाटम कृषि, विज्ञान और तकनीकी विश्वविद्यालय) के पीआरओ रमाकांत दुबे। शुआटस में हंगामा करने के बाद रमाकांत के लिखाए मुकदमे में नैनी पुलिस ने अतीक को गिरफ्तार किया था।

इसके बाद उसे जेल से छुटकारा नहीं मिला और अब वह मारा गया। दुबे को अंदेशा है कि अतीक के गुर्गे बदला लेने के लिए उन पर हमला कर सकते हैं। शुआट्स का घटनाक्रम यूं है। 2016 में शुआट्स में परीक्षा के दौरान नकल करने के आरोप में एक छात्र को निष्कासित कर दिया गया था। वह छात्र संयोग से अतीक अहमद के दो बेटों को ट्यूशन पढ़ाता था।

अधिकारियों को धमकाने का मामला

उसने अतीक से मदद मांगी। अतीक ने फोन पर शुआट्स के अधिकारियों से कहा कि निष्कासन रद्द कर परीक्षा में पास कर दें लेकिन उसकी बात नहीं मानी गई। तब यूपी मे सपा सरकार थी। शुआट्स में प्रदेश सरकार के मंत्रियों का आना-जाना लगा रहता था। इस वजह से शुआट्स वाले अतीक की धमकी से घबराए नहीं।

हुक्म नहीं माने जाने से बौखलाया अतीक अहमद

 

14 दिसंबर 2016 को कई गाड़ियों में असलहाधारियों के साथ शुआट्स पहुंचा और बवाल काटा। कई शिक्षकों और कर्मचारियों को पीटा और धमकाया। आरोप है कि रमाकांत दुबे को भी कमरा बंदकर पीटा और छात्र का निष्कासन नहीं खत्म करने पर जान से मारने की धमकी दी थी।

उमेश हत्याकांड में फरार बमबाज गुड्डू मुस्लिम और शूटर साबिर भी उस घटना में शामिल थे। रमाकांत की शिकायत पर नैनी थाने में अतीक और अन्य के खिलाफ मुकदमा लिखा गया मगर पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया। हाई कोर्ट ने नाराजगी जताई तब जाकर फरवरी में नैनी पुलिस ने अतीक की गिरफ्तारी की।

बस, यही गिरफ्तारी अतीक के लिए मुसीबत बन गई। कुछ ही समय बाद चुनाव जीतकर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी और अतीक के खिलाफ अभियान शुरू हो गया। देवरिया जेल कांड के बाद अतीक को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अहमदाबाद की साबरमती जेल भेज दिया गया था।

15 अप्रैल को अतीक की हत्या

उमेश पाल हत्याकांड में कस्टडी रिमांड पर लिए गए अतीक और अशरफ की 15 अप्रैल की रात काल्विन अस्पताल परिसर में गोली मारकर हत्या कर दी गई। अतीक के कत्ल के बाद रमाकांत ने शक जताया है कि माफिया के गुर्गे उन पर हमला कर सकते हैं।। 18 अप्रैल को रमाकांत ने मुख्यमंत्री योगी, एडीजी, डीएम और पुलिस कमिश्नर प्रयागराज को पत्र भेजकर सुरक्षा की गुहार लगाई है।

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