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उत्तर प्रदेश से निर्यात बढ़ाने के लिए नए बाजारों की तलाश करेंगे आईआईटी-आईआईएम, 10 करोड़ रुपये का बजट

उत्तर प्रदेश से निर्यात बढ़ाने के लिए नए बाजारों की तलाश करेंगे आईआईटी-आईआईएम, 10 करोड़ रुपये का बजट

उत्तर प्रदेश से निर्यात बढ़ाने के लिए आईआईटी-आईआईएम नए बाजारों की तलाश करेंगे। प्रदेश सरकार ने राज्य के निर्यात क्षेत्र को नई दिशा देने के लिए बड़ा कदम उठाया है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के निर्यात क्षेत्र को नई दिशा देने के लिए बड़ा कदम उठाया है। निर्यात नीति 2025-30 के तहत पहली बार भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) और भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) जैसे प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में मार्केट रिसर्च चेयर स्थापित की जाएगी।इसके लिए विशेष रूप से पांच करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। इन रिसर्च चेयर का मकसद राज्य के निर्यातकों को एक्शन योग्य मार्केट इंटेलिजेंस उपलब्ध कराना है, जिससे वे वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मजबूत बन सकें।

साथ ही, निर्यातकों की मदद के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट का गठन किया गया है। इसके लिए 10 करोड़ का बजट रखा गया है। टैरिफ वॉर के बीच उत्तर प्रदेश के निर्यातकों को बड़ी राहत देने की पहल की गई है।

इसके तहत एक तरफ ‘लैंड लॉक्ड प्रदेश’ का दायरा तोड़ते हुए बंदरगाहों और कार्गो विमानों तक उत्पाद पहुंचाने में आने वाले खर्च का बड़ा हिस्सा प्रदेश सरकार उठाएगी, तो दूसरी तरफ अमेरिका के अलावा ऐसे कितने देश हैं, जहां यूपी के उत्पादों की पहुंच नहीं है या न के बराबर है, उनपर रिसर्च स्टडी होगी। उद्यमियों को दुनियाभर के ट्रेंड और उसका फायदा उठाने के रास्ते बताए जाएंगे। नए देश, वहां की संस्कृति, बाजार और मांग का डाटा दिया जाएगा।

इन सेक्टरों में 50 फीसदी तक निर्यात वृद्धि का लक्ष्यवाराणसी-भदोही : कालीन और बनारसी साड़ी का निर्यात अमेरिका, यूरोप एवं खाड़ी देशों को।कानपुर-आगरा : चमड़ा उत्पाद यूरोप और पश्चिम एशिया को।मुरादाबाद-आगरा : पीतल-हैंडीक्राफ्ट का निर्यात अमेरिका एवं यूरोप को।नोएडा-लखनऊ : आईटी और बीपीओ सेवाओं का निर्यात अमेरिका, यूरोप एवं खाड़ी देशों को।पूर्वी यूपी : बासमती चावल-आम का निर्यात मध्य एशिया एवं खाड़ी देशों को।

पहली बार निर्यातकों के लिए उठाए जा रहे कदमनिर्यात प्रधान जिलों में 7.5 करोड़ की लागत से मर्चेन्डाइज्ड ट्रेड फैसिलिटेशन सेंटर बनेगा।उत्तर प्रदेश को सेंटर आफ एक्सीलेंस बनाने के लिए 10 करोड़ का डेडिकेटेड फंड।क्रियान्वयन व अनुश्रवण के लिए निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो में 10 करोड़ रुपये से प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट की स्थापना की जाएगी।निर्यातक इकाइयों को साल-दर-साल निर्यात वृद्धि पर एक फीसदी पुरस्कार, अधिकतम 20 लाख।

विभिन्न योजनाएं देंगी रणनीतिक मजबूतीइसका मकसद यूपी को वैश्विक निर्यात हब बनाना है। निर्यात प्रोत्साहन फंड, ई-कॉमर्स ऑनबोर्डिंग सब्सिडी और क्रेडिट इंश्योरेंस जैसी योजनाओं के साथ यह रिसर्च चेयर पहल रणनीतिक मजबूती देगी।

आईआईटी-आईआईएम की बौद्धिक पूंजी को उद्योग जगत से जोड़कर निर्यातकों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा एवं टैरिफ चुनौतियों से लड़ने की ताकत देंगे। -इन प्रयासों से प्रदेश का निर्यात दोगुना करने का लक्ष्य है। -नंद गोपाल गुप्ता नंदी, औद्योगिक विकास मंत्री

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