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बच्चों में चिंतन का विकास एक सफल शिक्षक का प्रमुख दायित्व होता है

बच्चों में चिंतन का विकास एक सफल शिक्षक का प्रमुख दायित्व होता है

राजकीय हाई स्कूल नवापार कैंपियरगंज गोरखपुर में डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस के अवसर पर “शिक्षक दिवस” प्रधानाचार्य श्री योगेंद्र प्रताप गुप्ता की अध्यक्षता में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया । इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व माध्यमिक विद्यालय लक्ष्मीपुर के प्रधानाध्यापक श्री महेश यादव, पूर्व माध्यमिक विद्यालय नवापार के प्रधानाध्यापक श्री ज्ञानेश्वर पांडेय एवं प्राथमिक शिक्षक संघ कैंपियरगंज के अध्यक्ष डॉक्टर आशुतोष मिश्र उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन एवं सरस्वती जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ हुआ । तत्पश्चात विद्यालय की छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना एवं स्वागत गीत प्रस्तुत किया। विद्यालय की छात्रा मानसी अग्रहरि, साधना गुप्ता एवं श्याम सुंदर गुप्ता द्वारा अपने विचार व्यक्त किए गए। ज्ञानेश्वर पांडेय ने बच्चों को अनुशासन में रहने और गुरुओं तथा समाज के अन्य वरिष्ठ लोगों के साथ शिष्टाचार पूर्वक व्यवहार करने की सलाह दी। महेश यादव ने बच्चों को व्यवहारिक बातों का ज्ञान देते हुए शिक्षक की महत्ता बताया । उन्होंने बच्चो से कहा कि वह इस विद्यालय में प्रवेश लेकर अपने को सौभाग्यशाली समझ रहे होंगे साथ ही विद्यालय एवं शिक्षकों की प्रशंसा भी की। अध्यक्ष डॉ आशुतोष मिश्र ने अपने सारगर्भित उद्बोधन में कहा कि बच्चों के अंदर चिंतन पैदा करना एक सफल शिक्षक का प्रमुख दायित्व होता है, जिससे वह अपने भावी जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना बेहतर ढंग से कर सकें। साथ ही उन्होंने सभी के अंदर शिक्षकतत्व को जीवित रहने, विकसित करने तथा राष्ट्र निर्माण की प्रेरणा लेने पर बल दिया। राज्पाल पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक जयप्रकाश ओझा ने कहा कि बच्चों के अंदर तथ्यों या ज्ञान का ठूंसा जाना शिक्षण नहीं है बल्कि उन्हें भावी जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करना प्रमुख दायित्व होता है। इससे उन्हें केवल ज्ञानात्मक शिक्षा ही नहीं मिलती अपितु बोधात्मक, कौशलात्मक और अनुप्रयोगात्मक दक्षता का विकास भी बच्चों के अंदर होता है ,जो वास्तविक जीवन की चुनौतियों का सामना करने में मददगार होता है। कार्यक्रम का समापन डॉक्टर दुर्गेश शाही जी के आभार प्रदर्शन तथा राष्ट्रगान से हुआ। कार्यक्रम के आयोजन में विद्यालय के शिक्षकों निगमानंद अग्रहरि एवं श्री बृजेश कुमार का विशेष योगदान रहा।

कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर दुर्गेश शाही ने किया तथा इसकी पूर्णाहुति राष्ट्रगान के साथ हुई।

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