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लखनऊ 171 साल पुरानी रजिस्टर्ड डाक सेवा बनी इतिहास, अब स्पीड पोस्ट से पहुंचेगा पत्र; ये आएगा बदलाव

लखनऊ 171 साल पुरानी रजिस्टर्ड डाक सेवा बनी इतिहास, अब स्पीड पोस्ट से पहुंचेगा पत्र; ये आएगा बदलाव

डाक विभाग ने 171 साल पुरानी रजिस्टर्ड डाक सेवा बंद कर दी है। इसका विलय स्पीड पोस्ट पर कर दिया गया है। अब स्पीड पोस्ट के जरिये ही आपका पत्र पहुंचेगा। आगे पढ़ें और जानें इसके बंद होने से आम ग्राहक के लिए क्या बदलाव आएगा?

ब्रिटिश काल से चली आ रही 171 वर्ष पुरानी रजिस्टर्ड डाक सेवा अब इतिहास बन गई है। डाक विभाग ने एक सितंबर से इसकी बुकिंग बंद कर दी है। स्पीड पोस्ट सेवा में इसका विलय कर दिया है। अब स्पीड पोस्ट सेवा के जरिए डाक पहुंचेगी। यह सुविधा थोड़ी महंगी जरूर है। लेकिन, तेज… सुरक्षित और ट्रैकिंग से लैस है।डाक विभाग ने रजिस्टर्ड डाक सेवा को सरकारी, कानूनी और वित्तीय दस्तावेजों को सुरक्षित रूप से भेजने के लिए शुरू किया था, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में ईमेल, व्हाट्सऐप, मैसेजिंग एप और अन्य ऑनलाइन संचार माध्यमों के चलते रजिस्टर्ड डाक की उपयोगिता में गिरावट आई। इस वजह से इसे बंद करना पड़ा। अब लखनऊ मंडल के 250 से ज्यादा डाकघरों में रजिस्टर्ड डाक की जगह स्पीड पोस्ट सेवा उपलब्ध होगी।

आपके लिए क्या बदलेगा?

रजिस्टर्ड डाक के मुकाबले स्पीड पोस्ट सेवा दूरी और वजन के हिसाब से मंहगी होगी। पहले रजिस्टर्ड डाक 17 रुपये में बुकिंग और 20 ग्राम तक के पत्र के लिए पांच रुपये अतिरिक्त यानी कुल 22 रुपये में सेवा उपलब्ध थी। अब स्पीड पोस्ट में दूरी और वजह के हिसाब से 200 किमी. तक 20 से 50 ग्राम वजन वाले पत्र के लिए 41.30 रुपये चुकाने होंगे। दूरी और वजन बढ़ने पर शुल्क और बढ़ेगा।

”लोगों की सुविधा और समय की बचत के लिए यह बदलाव किया गया है। आज जरूरत है कि डाक तेजी से पहुंचे, इसलिए डाक सेवा को स्पीडपोस्ट सेवा में मिला दिया गया है। दूरी और वजन के अनुसार स्पीड पोस्ट सेवाओं की दरें महंगी होती जाती हैं।” -सचिन चौबे, प्रवर अधीक्षक, डाक विभाग लखनऊ मंडल

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