गाजीपुर : सिद्धपीठ हथियाराम मठ में उमड़ा जनसैलाब

बेद प्रकाश पाण्डेय ब्यूरो चीफ गाजीपुर।
आज दिनांक।31/08/025को
सिद्धपीठ हथियाराम मठ में उमड़ा जनसैलाब
महामंडलेश्वर भवानी नंदन यति का चातुर्मास एवं जन्मोत्सव धूमधाम से सम्पन्न
जखनियां (गाजीपुर)। विश्वविख्यात सिद्धपीठ श्री हथियाराम मठ में रविवार को पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी भवानी नंदन यति जी महाराज का चातुर्मास एवं जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम और धार्मिक उत्साह के साथ सम्पन्न हुआ। इस पावन अवसर पर देश-प्रदेश से श्रद्धालुओं का अभूतपूर्व सैलाब उमड़ पड़ा। मठ परिसर जयकारों, भजन-कीर्तन और वैदिक मंत्रोच्चार से पूरे दिन गुंजायमान रहा।
आशीर्वचन और साधना का संदेश
मंच से आशीर्वचन देते हुए पूज्य स्वामी जी ने कहा—
“364 दिन मैं लोककल्याण के लिए अन्न-त्यागकर साधना करता हूँ और एक दिन आप सभी से आशीर्वाद मांगता हूँ।”
उन्होंने मठ को बदनाम करने की कोशिश करने वालों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि “29 वर्षों की तपस्या और सेवा भावना ने सिद्धपीठ को प्रदेश ही नहीं, देशभर में विशेष पहचान दिलाई है।”
उन्होंने आगे कहा कि आज का दिन इसलिए भी विशेष है क्योंकि देश के कोने-कोने से विभूतियां, प्रशासनिक अधिकारी, जनप्रतिनिधि और राजनीतिक हस्तियां यहां आकर आशीर्वाद प्राप्त कर रही हैं। मंच से उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा—
“जिस दिन इस मठ से चला जाऊंगा, फिर लौटकर नहीं आऊंगा। मेरा व्रत और तप लोककल्याण के लिए ही है।”
विशिष्ट अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति
कार्यक्रम में कई नामचीन हस्तियां शामिल हुईं, जिनमें प्रमुख रूप से—
वाराणसी कमिश्नर एस. राज लिंगम,
जिलाधिकारी गाजीपुर अविनाश कुमार,
पुलिस अधीक्षक डॉ. ईरज राजा,
केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति आर.एस. द्विवेदी,
वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी एस.एन. मीणा,
समाजसेवी रामजी उपाध्याय, रजनीश जी,
जिला पंचायत अध्यक्ष सपना सिंह,
उपजिलाधिकारी रवीश गुप्ता,
सीओ सुधाकर पांडे,
जनप्रतिनिधि भानु प्रताप सिंह, प्रमोद वर्मा, अशोक गुप्ता, रणजीत सिंह सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे।
इनकी उपस्थिति ने जन्मोत्सव एवं चातुर्मास आयोजन को विशेष गरिमा प्रदान की।
भक्ति में डूबा वातावरण
सुबह मंगला आरती और वैदिक अनुष्ठानों से प्रारंभ हुए इस उत्सव में दिनभर भजन, कीर्तन और भक्ति संगीत की प्रस्तुतियों ने वातावरण को भक्तिमय बनाए रखा। श्रद्धालुओं ने हजारों की संख्या में भाग लेकर पूज्य स्वामी जी के चरणों में नमन किया और आशीर्वाद प्राप्त किया।
सामाजिक और धार्मिक दृष्टि से अविस्मरणीय आयोजन
हथियाराम मठ का यह चातुर्मास एवं जन्मोत्सव केवल धार्मिक उत्सव ही नहीं, बल्कि सामाजिक एकजुटता, लोककल्याण और सांस्कृतिक जागरण का प्रतीक बनकर उभरा। श्रद्धा, भक्ति और अनुशासन का यह अनोखा संगम उपस्थित जनसमूह के लिए अविस्मरणीय साबित हुआ।