गाजीपुर : जखनियां में ग्रामीण महिला खेत मजदूर यूनियन का सम्मेलन संपन्न

बेद प्रकाश पाण्डेय ब्यूरो चीफ गाजीपुर।
जखनियां में ग्रामीण महिला खेत मजदूर यूनियन का सम्मेलन संपन्न
गरीबों के अधिकारों की आवाज़ बुलंद, सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
जखनियां (गाजीपुर), 30 अगस्त। शहीद इंटर कॉलेज, जखनियां में शनिवार को ग्रामीण महिला खेत मजदूर यूनियन का सम्मेलन तीन सदस्यीय अध्यक्ष मंडल – रेखा देवी, अनीता बनवासी और अर्चना राजभर के नेतृत्व में संपन्न हुआ। सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन की केंद्रीय कमेटी सदस्य सरिता मारुति, उत्तर प्रदेश खेत मजदूर यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष कामरेड सतीश कुमार और वरिष्ठ नेता कामरेड विजय बहादुर सिंह मौजूद रहे।
सम्मेलन में बड़ी संख्या में ग्रामीण महिला-पुरुष उपस्थित रहे और मजदूरों, खेतिहर महिलाओं तथा दलित-वंचित तबकों के मुद्दों पर जोरदार चर्चा हुई।
केंद्र और प्रदेश सरकार पर निशाना
अपने संबोधन में सरिता मारुति ने केंद्र और प्रदेश की डबल इंजन सरकार पर गरीब महिला मजदूरों को धोखा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि “आज सरकार 5 किलो राशन के नाम पर वोट मांग रही है, जबकि गरीबों को आवास, शौचालय, पेंशन और मनरेगा जैसी बुनियादी योजनाओं से वंचित किया जा रहा है। ग्रामीण महिलाएं आत्मनिर्भर बनने के लिए सहायता समूहों से जुड़ती हैं, लेकिन गांव-गांव में सक्रिय फाइनेंस कंपनियां उन्हें कर्ज के बोझ तले दबाकर आत्महत्या की ओर धकेल रही हैं।”
मनरेगा और भ्रष्टाचार पर तीखे सवाल
प्रदेश अध्यक्ष कामरेड सतीश कुमार ने मनरेगा की बदहाल स्थिति पर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि मजदूरों को पूरा रोजगार और सही मजदूरी नहीं मिल रही है। गांवों में जेसीबी मशीनों से काम कराकर फर्जी मस्टर रोल भरकर पैसा निकाला जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि “सरकारी योजनाएं अब पूंजीपतियों के हवाले कर दी गई हैं, आवास योजनाओं में कमीशनखोरी और राशन वितरण में कटौती खुलेआम हो रही है।”
बनवासी समाज की दुर्दशा
वरिष्ठ नेता कामरेड विजय बहादुर सिंह ने गाजीपुर जिले में बनवासी समाज की बदहाली पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि “आज भी बनवासी समाज, पासी, फोर जैसे वंचित तबके पुश्तैनी जमीन पर बसे होने के बावजूद ग्राम समाज की भूमि से वंचित हैं। भाजपा सरकार ने इन्हें जनजाति का दर्जा देने और 18 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का वादा किया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।”
सैकड़ों की भागीदारी
सम्मेलन में जिले भर से आईं सैकड़ों ग्रामीण महिलाएं और पुरुष मौजूद रहे। इनमें प्रमुख रूप से कामरेड वीरेंद्र कुमार गौतम (जिला मंत्री), कामरेड राम अवध राम, कामरेड सुरेंद्र भारती, विनोद यादव, संतोष राम, रेखा देवी, शीला देवी, गीता देवी, लक्ष्मण देवी, शकुंतला बनवासी, अनीता बनवासी, अनीता चौहान, अर्चना राजभर, जिला मंत्री चंदा, आशा, पूनम और माकपा के जिला सचिव मारकंडे प्रसाद शामिल रहे।
सम्मेलन में उपस्थित नेताओं और कार्यकर्ताओं ने संकल्प लिया कि ग्रामीण महिला मजदूरों के हक और अधिकारों की लड़ाई तेज़ की जाएगी और गरीबों के हितों के लिए संघर्ष जारी रहेगा।