छत्तीसगढ़ : स्वास्थ्य विभाग कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर, जिले में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित

स्वास्थ्य विभाग कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर, जिले में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित
मध्य प्रदेश राज्य की तरह समान कार्य समान वेतन की मांग जोर पकड़ा
शैलेंद्र कुमार द्विवेदी
इंडिया नाऊ २४
छत्तीसगढ़
बलरामपुर। प्रदेशव्यापी आंदोलन की तर्ज पर बलरामपुर जिले में भी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के अंतर्गत कार्यरत संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। कर्मचारियों की मांग है कि मध्यप्रदेश की तरह उन्हें भी समान कार्य के लिए समान वेतन तथा स्थायीकरण का अधिकार मिले।
हड़ताल की वजह से जिले की स्वास्थ्य सेवाएं चरमराने लगी हैं। शासकीय अस्पतालों से लेकर आयुष्मान आरोग्य मंदिरों तक में इलाज कराने आने वाले मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
कर्मचारियों की पीड़ा और मांगें
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जिला अध्यक्ष गुलाब डहरिया एवं हिमांशु जायसवाल ने बताया कि प्रदेशभर में लगभग 16 हज़ार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी कार्यरत हैं। ये कर्मचारी राजधानी रायपुर के डॉ. अंबेडकर अस्पताल से लेकर सुदूर सुकमा-बिजापुर जैसे नक्सल प्रभावित इलाकों के गाँवों तक स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करा रहे हैं।
कर्मचारियों ने कहा कि कोरोना काल में उन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर सेवा दी, जिसमें कई साथी शहीद भी हुए। उस समय सरकार ने उन्हें “कोरोना योद्धा” कहकर सम्मानित किया था, परंतु आज तक उनके परिवारों के लिए कोई अनुकम्पा नियुक्ति नीति लागू नहीं की गई।
पिछले 20 वर्षों से एनएचएम कर्मचारी बीमा, पेंशन एवं सामाजिक सुरक्षा जैसी प्राथमिक सुविधाओं से वंचित हैं। कर्मचारियों का कहना है कि वर्तमान सरकार ने चुनावी घोषणा पत्र में मोदी की गारंटी के अंतर्गत उनकी समस्याओं के समाधान का वादा किया था, लेकिन अब तक ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
कर्मचारियों की 10 सूत्री मांगें
————————————————— 1. संविलियन एवं स्थायीकरण,2. पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना,3. ग्रेड पे का निर्धारण,4. कार्य मूल्यांकन व्यवस्था में पारदर्शिता,5. लंबित 27% वेतन वृद्धि का भुगतान,6. नियमित भर्ती में सीटों का आरक्षण,7. अनुकम्पा नियुक्ति नीति लागू करना,8. मेडिकल एवं अन्य अवकाश की सुविधा,9. स्थानांतरण नीति तैयार करना,10. न्यूनतम 10 लाख रुपये का कैशलेश स्वास्थ्य बीमा होनी चाहिए।
सरकार से असंतोष
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कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने अब तक 150 से अधिक बार मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, वित्त मंत्री, सांसद, विधायक एवं उच्च अधिकारियों को आवेदन और निवेदन प्रस्तुत किया। शांति पूर्ण प्रदर्शन और वार्ताएं भी हुईं, लेकिन समस्या का निराकरण नहीं हो सका।
इस वर्ष 1 मई को मजदूर दिवस के अवसर पर मिशन संचालक ने आश्वासन दिया था कि एक माह के भीतर मांगों पर कार्रवाई होगी। 14 जुलाई को भी चर्चा हुई, लेकिन आज तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया।
जिले के कर्मचारी भी शामिल
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बलरामपुर जिले से हड़ताल में शामिल प्रमुख कर्मचारियों में
जिला अध्यक्ष गुलाब डहरिया, हिमांशु जायसवाल, नेत्र प्रकाश सोर, एजाज अंसारी, शुभम रोहित, महिला प्रकोष्ठ की पुजा मरकाम, प्रियदर्शिनी एस. कुजुर, सोनिया गुप्ता, देवन्ति यादव, डॉ. मधु दिवान सहित लगभग 600 अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं।
प्रभावित हो रहा
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अनिश्चितकालीन हड़ताल से जिले की स्वास्थ्य सेवाएं ठप होने की स्थिति में हैं। मरीजों को अस्पतालों में इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है। कर्मचारी संगठन का कहना है कि जब तक उनकी मांगों पर सरकार ठोस निर्णय नहीं लेती, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।