उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार रेड्डी ने किया नामांकन, खरगे-सोनिया रहे मौजूद

उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार रेड्डी ने किया नामांकन, खरगे-सोनिया रहे मौजूद
उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्षी गठबंधन के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी गुरुवार को अपना नामांकन दाखिल किया। इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत तमाम नेता मौजूद रहे।
विपक्ष के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी ने गुरुवार को कांग्रेस के शीर्ष नेताओं मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी की उपस्थिति में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश रेड्डी ने राज्यसभा महासचिव (जो उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचन अधिकारी भी हैं) के समक्ष नामांकन पत्रों के चार सेट जमा किए।
राकांपा (सपा) प्रमुख शरद पवार, सपा नेता रामगोपाल यादव, द्रमुक के तिरुचि शिवा, तृणमूल कांग्रेस की शताब्दी रॉय, शिवसेना (यूबीटी) के संजय राउत, माकपा के जॉन ब्रिटास नामांकन के लिए उपस्थित विपक्षी नेताओं में शामिल थे। लगभग 160 सांसदों ने प्रस्तावक और समर्थक के रूप में हस्ताक्षर किए हैं। निर्वाचन अधिकारी ने नामांकन दस्तावेजों की जांच की और रेड्डी को एक पावती पर्ची सौंपी।
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल में लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य शामिल होते हैं। राज्यसभा के मनोनीत सदस्य भी अपना वोट डालने के पात्र होते हैं। निर्वाचक मंडल की प्रभावी संख्या 781 है और बहुमत का आंकड़ा 391 है। सत्तारूढ़ एनडीए ने सीपी राधाकृष्णन को मैदान में उतारा है। सत्तारूढ़ दल को कम से कम 422 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है। वाईएसआरसीपी जैसी विपक्षी गठबंधन से इतर पार्टियां पहले ही राधाकृष्णन को समर्थन देने की घोषणा कर चुकी हैं।
इससे पहले बुधवार को खरगे ने घटक दलों के नेताओं से उनका परिचय करवाया। संसद के केंद्रीय कक्ष में खरगे के साथ पहुंचे सुदर्शन का स्वागत करने के लिए कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी समेत अन्य विपक्षी दलों के नेता मौजूद थे। उनके साथ हुई बैठक में गठबंधन के सभी सहयोगियों ने अपना पक्ष रखा।नामांकन से पहले खरगे ने कहा था कि बी. सुदर्शन रेड्डी उपराष्ट्रपति पद के विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार हैं। उपराष्ट्रपति चुनाव केवल एक पद के लिए प्रतियोगिता नहीं है। यह हमारे राष्ट्र की आत्मा के लिए एक वैचारिक लड़ाई है। जहां सत्तारूढ़ दल ने आरएसएस की विचारधारा को चुना है, वहीं हम संविधान और उसके मूल्यों को अपना मार्गदर्शक मानते हैं।खरगे ने कहा कि संसद में विपक्ष की आवाज को दबाने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। संसद सत्तारूढ़ दल की विचारधारा को आगे बढ़ाने के एक उपकरण के रूप में काम कर रही है। कई महत्वपूर्ण विधेयक बिना उचित विचार-विमर्श के पारित किए जा रहे हैं। वहीं, शिवसेना यूबीटी के सांसद संजय राउत ने कहा, विपक्ष की एकता अखंड है। हमारे पास सुदर्शन है, इसलिए कौरवों (एनडीए) की हार सुनिश्चित है। बैठक के दौरान राहुल गांधी ने अपनी बिहार यात्रा का जिक्र किया और सुदर्शन को विपक्षी एकता की जीत का आधार बताया।विपक्षी गठबंधन चुनाव की बारीकियों से सदस्यों को परिचित कराने के लिए 8 सितंबर को मॉक पोल का आयोजन करेगा। इसका मकसद सभी सदस्यों को उप राष्ट्रपति चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करने की जानकारी देना है।
विधेयकों का भी किया विरोधबैठक में संसदीय लोकतंत्र और संघवाद के मूल मूल्यों को कमजोर करने वाले संविधान संशोधन विधेयक को लेकर भी विपक्षी सांसदों ने विरोध दर्ज कराया। खरगे ने इसे सत्र के अंत में रखने की निंदा की। बैठक में टीएमसी, सपा, एनसीपी (एसपी), टीएमसी, आरजेडी, जेएमएम, शिवसेना यूबीटी, केरल कांग्रेस एम, आईयूएमएल, द्रमुक, वाम दलों समेत इंडिया गठबंधन के अन्य दल शामिल रहे।