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यूपी वसूली में लापरवाही पर राज्य कर के सभी 20 अपर आयुक्तों को थमाया गया नोटिस, धीमी प्रगति पर मांगा जवाब

यूपी वसूली में लापरवाही पर राज्य कर के सभी 20 अपर आयुक्तों को थमाया गया नोटिस, धीमी प्रगति पर मांगा जवाब

यह पहली बार है जब एक ही मामले में एक साथ इतने नोटिस जारी हुए हैं। बकाया वसूली की धीमी प्रगति पर तत्काल स्पष्टीकरण मांगा गया है।

वैट की बकाया वसूली में लापरवाही बरतने के आरोप में प्रदेश में राज्य कर विभाग के सभी 20 अपर आयुक्तों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। ये कार्रवाई प्रतिदिन व्यापारियों की कुर्की और वसूली का लक्ष्य पूरा न होने की वजह से की गई है। राज्य कर में पहली बार ये सख्त फैसला लिया गया है, जब एक साथ एक ही मामले में इतनी नोटिसें जारी की गई हैं।

2017 में जीएसटी लागू हुआ था। इससे पहले वैट व्यवस्था लागू थी। वैट के समय की बड़ी बकाया राशि जीएसटी पोर्टल पर दिख रही है। ये बकाया सेल्स टैक्स, प्रवेश कर और मनोरंजन कर आदि के रूप में है। इसकी वसूली के लिए प्रदेश के सभी अपर आयुक्तों को सख्त निर्देश जारी किए गए हैं। इसके तहत प्रत्येक अपर आयुक्त को रोजाना कम से कम 10 रिकवरी सर्टिफिकेट जारी करने, 10 चल संपत्ति की कुर्की और एक अचल संपत्ति की कुर्की का लक्ष्य दिया गया है।

इसके बावजूद रोजाना इस लक्ष्य को प्रदेश का एक भी अपर आयुक्त पूरा नहीं कर सका। इस पर उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए तत्काल स्पष्टीकरण मांगा गया है। साथ ही ये भी चेतावनी दी गई है कि बकाया वसूली की धीमी प्रगति पर क्यों न उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई के लिए शासन को मामला भेज दिया जाए।इस आदेश के बाद सभी राज्य कर कार्यालयों में खलबली मची है और बकाया वसूली लक्ष्य पूरा करने के लिए व्यापारियों की कुर्की-रिकवरी सर्वोच्च प्राथमिकता पर की जा रही है। दूसरी तरफ अधिवक्ता, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और व्यापारी संगठनों का कहना है कि वसूली से पहले विभाग अपडेट कर ले, क्योंकि बहुत पुराने मामले होने के कारण विभागीय स्तर पर ही हजारों मामले अपडेट नहीं हैं, जो अब बंद हो चुके हैं।

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