यूपी का पहला ‘प्राइवेट’ रेलवे स्टेशन, ट्रेन के संचालन, सुरक्षा और टिकट छोड़कर सभी सेवाएं निजी हाथों में

यूपी का पहला ‘प्राइवेट’ रेलवे स्टेशन, ट्रेन के संचालन, सुरक्षा और टिकट छोड़कर सभी सेवाएं निजी हाथों में
एयरपोर्ट की तर्ज पर लखनऊ गोमतीनगर रेलवे स्टेशन की यात्री सुविधाओं को अब प्राइवेट हाथों में सौंपा जाएगा. ट्रेनों के संचालन, सुरक्षा और टिकट बिक्री को छोड़कर अन्य सभी सेवाएं प्राइवेट कंपनी को दी जाएगी.
लखनऊ. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का गोमतीनगर रेलवे स्टेशन भारतीय रेलवे के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ने जा रहा है. यह स्टेशन उत्तर प्रदेश और पूर्वोत्तर रेलवे का पहला ‘प्राइवेट’ रेलवे स्टेशन बन गया है, जहां ट्रेन संचालन, सुरक्षा और टिकट बिक्री को छोड़कर सभी सेवाएं निजी कंपनियों के हाथों में होगी. इस कदम को भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण और निजीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जा रहा है.
जानकारी के अनुसार, लखनऊ के गोमतीनगर रेलवे स्टेशन (GTNR) पर स्टेशन प्रबंधन, सफाई, रखरखाव, खानपान, पार्किंग, और अन्य यात्री सुविधाओं का संचालन अब निजी कंपनियों द्वारा किया जाएगा. हालांकि, ट्रेनों का संचालन, सुरक्षा व्यवस्था और टिकट बिक्री की जिम्मेदारी भारतीय रेलवे के पास ही रहेगी. इस नई व्यवस्था के तहत यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें स्टेशन पर बेहतर स्वच्छता, आधुनिक सुविधाएं और सुगम यात्री सेवाएं शामिल हैं.
इस संबंध में रेलवे बोर्ड की तरफ से पत्र जारी कर दिया गया है. बोर्ड ने रेल लैंड डेवलपमेंट अथॉरिटी को यह जिम्मेदारी सौंपी है. पहले पहसे में दो स्टेशन को चुना गया है. पहला चंडीगढ़ और दूसरा गोमतीनगर रेलवे स्टेशन शामिल हैं. रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक अनवर हुसैन ने बताया कि यात्री सुविधाओं को दुरुस्त करने के लिए RLDA निजी कंपनियों को आमंत्रित करेगा. जिसके बाद तीन वर्षों के विस्तार के साथ 9 साल के लिए लाइसेंस दिए जायेंगे. निजी कंपनियों से पर्पट लइसेंस शुल्का का 15 प्रतिशत RLDA को और बाकी का 85 परसेंट रेलवे को मिलेगा.
गोमतीनगर स्टेशन का महत्व
गोमतीनगर रेलवे स्टेशन, जो लखनऊ जिले में स्थित है, उत्तर प्रदेश के सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशनों में से एक है. यह स्टेशन 6 प्लेटफॉर्म के साथ कई प्रमुख ट्रेनों को संभालता है, जिसमें गोरखपुर, छपरा, और बरौनी जैसे शहरों को जोड़ने वाली ट्रेनें शामिल हैं. रेलवे के आंकड़ों के अनुसार, गोमतीनगर स्टेशन से प्रतिदिन 76 ट्रेनें गुजरती हैं, और यह लखनऊ के प्रमुख यातायात केंद्रों में से एक है. इस स्टेशन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था.
निजीकरण का प्रभाव
रेलवे के इस निजीकरण मॉडल को लागू करने का उद्देश्य स्टेशन की सुविधाओं को और बेहतर करना है. निजी कंपनियों के पास संसाधनों और नवाचारों का लाभ उठाकर स्टेशन को और अधिक यात्री-अनुकूल बनाने की जिम्मेदारी होगी. विशेषज्ञों का मानना है कि इससे स्टेशन पर खानपान की गुणवत्ता, स्वच्छता और अन्य सुविधाओं में सुधार होगा, जिससे यात्रियों को बेहतर अनुभव मिलेगा. हालांकि, कुछ लोग इस कदम को लेकर चिंतित भी हैं. उनका मानना है कि निजीकरण से सेवाओं की लागत बढ़ सकती है, जिसका असर आम यात्रियों पर पड़ सकता है. इसके अलावा, निजी कंपनियों द्वारा संचालित सेवाओं की गुणवत्ता और पारदर्शिता पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं.