लखनऊ केजीएमयू में मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. आदर्श त्रिपाठी का इस्तीफा

लखनऊ केजीएमयू में मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. आदर्श त्रिपाठी का इस्तीफा
लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में मानसिक रोग विभाग के डॉ. आदर्श त्रिपाठी ने इस्तीफा दे दिया है। इस साल केजीएमयू से नौकरी छोड़ने वाले वह दूसरे डॉक्टर हैं। इससे पहले न्यूरो सर्जरी विभाग के प्रोफेसर और चीफ प्रॉक्टर डॉ. क्षितिज श्रीवास्तव नौकरी छोड़ चुके हैं।डॉ. आदर्श त्रिपाठी ने केजीएमयू प्रशासन को इस्तीफा भेजकर तीन महीने का नोटिस दिया है। इसका कारण उन्होंने व्यक्तिगत बताया है। अब तक उनके 170 से अधिक शोधपत्र राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित हो चुके हैं। डॉ. त्रिपाठी मानसिक रोग के साथ ही यौन रोगों के इलाज के विशेषज्ञ हैं। अपने नम्र और अच्छे बर्ताव की वजह से विश्वविद्यालय में वे सभी के चहेते हैं। उनके इस कदम से सभी आश्चर्य में हैं।
ये डॉक्टर छोड़ चुके हैं केजीएमयूआर्गन ट्रांसप्लांट से डॉ. विवेक गुप्ताएंडोक्राइन मेडिसिन विभाग से डॉ. मधुकर मित्तलगैस्ट्रो सर्जरी से डॉ. संदीप वर्मा, डॉ. साकेत, डॉ. विशाल, डॉ. प्रदीप जोशीनेफ्रोलॉजी विभाग से डॉ. संत पांडेयन्यूरो सर्जरी विभाग से डॉ. सुनील कुमार, डाॅ. क्षितिज श्रीवास्तवट्रांसप्लांट यूनिट से डॉ. मनमीत सिंहसीवीटीएस विभाग से डॉ. विजयंत देवगठिया रोग विभाग से डॉ. अनुपम वाखलूइंडोक्राइन से डॉ. मनीष गुच्छजनरल सर्जरी विभाग से डाॅ. अरशद खानसरकारी संस्थानों से लगातार पलायनकेजीएमयू ही नहीं, राजधानी के अन्य प्रमुख सरकारी चिकित्सा संस्थान लोहिया संस्थान और पीजीआई से भी डाॅक्टरों का पलायन लगातार जारी है। पिछले तीन साल में 20 से ज्यादा डॉक्टर इस्तीफा देकर निजी क्षेत्र में चले गए। इनमें से ज्यादातर सुपर स्पेशियलिस्ट या फिर उन ब्रांच के हैं, जिनके डॉक्टरों की संख्या काफी कम है।
कम वेतन और सरकारी नीतियां बन रहीं वजहसरकारी चिकित्सा संस्थानों से डाॅक्टरों के पलायन के पीछे मुख्य वजह निजी संस्थानों के मुकाबले कम वेतन मिलना है। इसके साथ ही सरकारी नीतियां भी कम जिम्मेदार नहीं हैं। डॉक्टरों की विशेषज्ञता कुछ भी हो, उनको वेतन और भत्ते एक समान ही मिलते हैं। स्पेशियलिस्ट और सुपर स्पेशियलिस्टी छोड़िए, नाॅन क्लीनिकल विभाग के डाॅक्टरों को भी एक समान वेतन और नाॅन प्रैक्टिसिंग अलाउंस मिलता है। वहीं, निजी अस्पतालों में 10 लाख रुपये तक वेतन मिल रहा है, जबकि सरकारी संस्थानों में डेढ़ लाख रुपये वेतन से शुरुआत होती है।
एसजीपीजीआई से कुछ समय में इस्तीफा देने वाले डॉक्टरइंडोक्राइन सर्जरी- डॉ. अमित अग्रवालगैस्ट्रो सर्जरी- डॉ. आनंद प्रकाशगैस्ट्रो मेडिसिन- डॉ. अभय वर्मायूरोलॉजिस्ट- डॉ. राकेश कपूरये डॉक्टर छोड़ चुके हैं लोहिया संस्थानमेडिकल आंकोलॉजी- डॉ. गौरव गुप्तागेस्ट्रो मेडिसिन- डॉ. प्रशांत वर्माइंडोक्राइन सर्जरी- डॉ. रोमा प्रधानइंडोक्राइन विभाग- डॉ. मनीश गुचन्यूरो सर्जरी- डॉ. राकेश सिंहIकेजीएमयू में भले ही मरीजों का दबाव ज्यादा है, लेकिन काम का अच्छा माहाैल है। डाॅ. आदर्श त्रिपाठी ने निजी कारणों से इस्तीफा दिया है।II- प्रो. केके सिंह, प्रवक्ता केजीएमयूI