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यूपी परिवहन विभाग का मामला सिस्टम बाईपास कर दलालों ने रिन्यू करवा दिए 3200 डीएल, वसूले 48 लाख

यूपी परिवहन विभाग का मामला सिस्टम बाईपास कर दलालों ने रिन्यू करवा दिए 3200 डीएल, वसूले 48 लाख

परिवहन विभाग का मामलाऔसतन प्रति लाइसेंस वसूले जा रहे हैं 1500 रुपयेलखनऊ। दलालों ने लखनऊ व आसपास के जिलों में 3200 ड्राइविंग लाइसेंस बगैर आवेदक का हेल्थ सर्टिफिकेट अपलोड किए रिन्यू करवा दिए। यह आंकड़ा जांच के बाद और भी बढ़ सकता है। लाइसेंस रिन्यूवल से तकरीबन 48 लाख रुपये आवेदकों से वसूले गए हैं।ओमकार सिंह ने डीएल रिन्यू करवाया। उनकी एप्लीकेशन संख्या 2180355325 है। बगैर स्वास्थ्य प्रमाणपत्र उनका लाइसेंस दलालों ने रिन्यू करवा दिया। उनसे 1800 रुपये वसूले। ऐसे ही शिवराज सिंह की एप्लीकेशन संख्या 218342725 है। उनका लाइसेंस भी बगैर प्रमाणपत्र अपलोड किए रिन्यू कर दिया गया। दलाल ने उनसे 1500 रुपये वसूले। लखनऊ सहित प्रदेशभर में ऐसे आवेदनों की भरमार है। जहां सिस्टम के लूपहोल का दलाल फायदा उठा रहे हैं। दलाल बगैर स्वास्थ्य प्रमाणपत्र अपलोड किए ही लाइसेंस रिन्यू करवा रहे हैं। ऐसे में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। दरअसल, ड्राइविंग लाइसेंस के नवीनीकरण की ऑनलाइन व्यवस्था को दलाल बाईपास कर रहे हैं। परिवहन विभाग ने लाइसेंस सहित कई सेवाओं को ऑनलाइन कर रखा है। दलाल ड्राइविंग लाइसेंस रिन्यू करने के लिए सिस्टम को बाईपास कर रहे आटो अप्रूव्ड सुविधा का लाभ उठा रहे हैं और बगैर स्वास्थ्य प्रमाणपत्र ही डीएल नवीनीकरण करवा रहे हैं। अधिकारियों ने बतायाकि नवीनीकरण में हेल्थ सर्टिफिकेट अनिवार्य रहता है। इससे आवेदक के स्वास्थ्य की जानकारी मिलती है। लेकिन उपरोक्त मामलों में में आवेदक का स्वास्थ्य प्रमाणपत्र लगाए बिना ही डीएल रिन्यू करवा दिया गया।

जांच के बाद सामने आएंगे आंकड़ेसूत्र बताते हैं कि परिवहन विभाग की ओर से ड्राइविंग लाइसेंस नवीनीकरण के आंकडों की पड़ताल की जा रही है। सूत्र यह भी बताते हैं कि लखनऊ व आसपास के जिलों में अभी तक 3200 ऐसे डीएल सामने आ रहे हैं, जिसमें आवेदक का स्वास्थ्य प्रमाणपत्र अपलोड नहीं किया गया है। यह संख्या और बढ़ सकती है। जांच के बाद ही असल आंकड़े उजागर होंगे।

औसतन 1500 वसूलते हैं दलालदलाल ड्राइविंग लाइसेंस रिन्यू करने के लिए आवेदकों से एक हजार रुपये से लेकर पांच हजार रुपये तक वसूलते हैं। औसतन प्रति आवेदक 1500 रुपये का आंकड़ा बताया जा रहा है। ऐसे में 3200 डीएल रिन्यूवल से करीब 48 लाख रुपये का सुविधा शुल्क दलाल वसूले चुके हैं। इसका आंकड़ा डेढ़ करोड़ रुपये तक पहुंचने की आशंका जताई जा रही है।

एनआईसी खामी करे दूर तो थमे फर्जीवाड़ाएनआईसी के सर्वर पर सेवाओं को ऑनलाइन करते समय लाइसेंस रिन्यूअल में ऑटो अप्रूव्ड की सुविधा दी गई, ताकि आवेदकों को कार्यालय ना आना पड़े। लेकिन इसका लाभ सिर्फ उन्हें ही मिलेगा, जिन्होंने चिकित्सक से सर्टिफिकेट बनवाकर खुद ही अपनी आईडी से उसे अटैच किया हो। विभाग ने प्रत्येक आरटीओ में डॉक्टरों का एक पैनल बनाने और उनको आईडी जारी करने के निर्देश दिए हैं। डॉक्टर खुद की आईडी से सर्टिफिकेट नहीं अपलोड करता है तो सत्यापन के लिए आवेदक को आरटीओ आना होता है। लेकिन इस व्यवस्था को बाईपास कर बगैर हेल्थ प्रमाणपत्र दिए सीधे रिन्यूवल कराए जा रहे हैं।

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