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लखनऊ हाईकोर्ट के चैंबर में विवाह केंद्र देखकर सख्त हुआ न्यायालय, दो वकीलों पर आपराधिक कार्रवाई के आदेश

लखनऊ हाईकोर्ट के चैंबर में विवाह केंद्र देखकर सख्त हुआ न्यायालय, दो वकीलों पर आपराधिक कार्रवाई के आदेश

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में एक केस की सुनवाई के दौरान चौंकाने वाला मामला सामने आया, जहां अधिवक्ताओं के चैंबर को अनाधिकृत विवाह केंद्र में तब्दील किया गया था। कोर्ट ने इस पर दो वकीलों पर आपराधिक कार्रवाई शुरू करने के आदेश दिए हैं।

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने एक मामले की सुनवाई के दौरान अनधिकृत विवाह केंद्र चलाने का खुलासा होने पर दो वकीलों की चैंबर से बेदखली व उनके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू करने का आदेश दिया है।

न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा और न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश एक महिला द्वारा कथित रूप से दाखिल याचिका पर दिया। याचिका में महिला और उसके कथित पति को याची बनाया गया था। याची के कथित पति अरुण कुमार यादव ने दावा किया कि उसने महिला से लखनऊ के जनपद न्यायालय परिसर स्थित वकीलों के चैंबर नंबर 31 में विवाह किया। कहा कि इससे क्षुब्ध होकर महिला के घरवाले उसे परेशान कर रहे है। ऐसे में अरुण ने कोर्ट से सुरक्षा मुहैया कराने की गुहार लगाई।

उधर, पेश हुए महिला के वकील ने कोर्ट को बताया कि महिला ने याचिका दाखिल करने को अधिकृत नहीं किया था, और न ही महिला ने अरुण कुमार से विवाह किया था। महिला ने कहा कि मौजूदा समय वह अपने पिता के घर रह रही है, इसकी तस्दीक महिला के पिता ने भी की।

पर कोर्ट ने संज्ञान अदालत से लिया कि याचिका के साथ दाखिल वकालतनामे और शपथपत्र पर अरुण कुमार से कथित रूप से हस्ताक्षर किए थे। इसपर कोर्ट ने 8 जुलाई को वजीरगंज थाने की पुलिस को विवाह केंद्र वाले चैंबर का निरीक्षण कर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया। कोर्ट के आदेश पर इंस्पेक्टर वजीरगंज राजेश कुमार त्रिपाठी, चैंबर नंबर 31 के फोटोग्राफ के साथ पेश हुए। फोटो में दिख रहा था कि चैंबर को विवाह की थीम पर फूलों से सजाया गया था। वहां पर विवाह करने के और इंतजाम भी दिखाई दिए।

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