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गोरखपुर डाक्टर शाही की सर्जरी यूपीएएसआई (UPASI)की वार्षिक पत्रिका में प्रकाशित

गोरखपुर डाक्टर शाही की सर्जरी यूपीएएसआई (UPASI)की वार्षिक पत्रिका में प्रकाशि

गोरखपुर अब चिकित्सा के क्षेत्र में निरंतर नई नई ऊँचाइयां हासिल कर रहा है जहां एक तरफ बीआरडी मेडिकल कालेज का कायाकल्प और सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक का संचालन वहीं एम्स जैसे हॉस्पिटल का गोरखपुर में चालू होना यहाँ की जनता के लिए बहुत ही लाभदायक है।

गोरखपुर प्राइवेट चिकित्सक भी अपने हुनर में दिन प्रतिदिन इजाफा कर रहे हैं। डॉ॰ शिव शंकर शाही ने 10 महीने की बच्ची का आपरेशन करके उसको नया जीवन दान दिया .यह बच्ची जिसका नाम कोमल है 10 महिने उम्र, नई बाज़ार
देवरिया की रहने वाली है.

23 फरवरी, 2027 को शाही ग्लोबल हॉस्पिटल में आई थीं। इस बच्ची में मलद्वार के रास्ते से करीब 1/2 फीट आंत बाहर आ गई थी . देखने से यह रेक्टल प्रोलैप्स यानी कि कांच का बाहर निकल जाना लग रहा था . जब इसका परीक्षण किया गया तो पाया गया की एक तरह की नई बीमारी है जिससे इन्टू सक्सेप्शन कहते हैं। इस बीमारी में आँत का कुछ हिस्सा वापस आंत के अंदर चला जाता है। इसमें मरीज के आंत में सूजन हो जाती है, मल और हवा नीचे से निकलना बंद हो जाता है ,पेट फूल जाता है उल्टी आने लगती है. अगर तुरंत ऑपरेशन न किया जाए तो मरीज कि मृत्यु भी हो जाती है .इस बच्ची में यह सब सारे लक्षण थे। रात में ही इमरजेंसी ऑपरेशन किया गया। खराब आंतों को बाहर निकाल कर बाकी आंतों को जोड़ दिया गया .इस ऑपरेशन की खासियत यह है कि कहीं भी बच्ची के शरीर पर बाहर से चीणा या टाका नहीं लगा। सारा ऑपरेशन नीचे मलद्वार के रास्ते ही किया गया। इस तरह की केस अपने आप में अनोखी है और बहुत ही कम देखने को मिलती है. इस जटिल केस को जब डा शिवशंकर शाही ने अपने संगठन उत्तर प्रदेश एसोसिएशन ऑफ़ सर्जन ऑफ़ इंडिया के लोगों से परामर्श किया तब पता चला कि यह बहुत ही जटिल केस है और इसको यूपीएसआई (उत्तर प्रदेश एसोसिएशन ऑफ़ सर्जन ऑफ़ इंडिया) की वार्षिक पत्रिका में प्रकाशित होने का मौका मिला .
धन्यवाद

डॉ॰ शिवशंकर शाही
निर्देशक तथा चीफ सर्जन
शाही ग्लोबल हॉस्पिटल
तारामंडल, गोरखपुर

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