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गाजीपुर : एक स्त्री के जज्बात एक स्त्री की जुबानी

बेद प्रकाश पाण्डेय ब्यूरो चीफ गाजीपुर।

आज दिनांक।01/05/025को

एक स्त्री के जज्बात एक स्त्री की जुबानी।

जब कोई पुरुष कोमल, सौम्य और लगातार सम्मानपूर्ण व्यवहार करता है, तो एक स्त्री का नर्वस सिस्टम (तंत्रिका तंत्र) धीरे-धीरे ठीक होने लगता है। यही कारण है कि जब एक महिला सही तरीके से प्यार की जाती है, तो उसके चेहरे पर एक खास चमक आ जाती है।

यह सिर्फ प्यार नहीं होता, बल्कि वह भावनात्मक सुरक्षा होती है।

तो प्रिय पुरुष,

जब तुम बिना किसी निर्णय के उसके लिए स्थान बनाते हो, तो वह सीखती है कि उसे प्यार पाने के लिए खुद को छोटा नहीं करना पड़ता। वह चैन की सांस ले पाती है, यह जानकर कि उसकी भावनाएँ तुम्हारे साथ सुरक्षित हैं।

जब तुम उसे सिर्फ जवाब देने के लिए नहीं, बल्कि समझने के लिए सुनते हो—तो वह खुद को उस तरह देखा और समझा हुआ महसूस करती है, जैसा शब्द कभी नहीं कह सकते। एक स्त्री जो समझी जाती है, वह एक ऐसी रोशनी में चमकने लगती है जिसे दुनिया अनदेखा नहीं कर सकती।

जब तुम झुंझलाहट की जगह धैर्य चुनते हो, तो वह सीखती है कि प्यार कोई ऐसी चीज नहीं जिसे परफेक्ट बनकर कमाना पड़े। वह मानने लगती है कि वह जैसी है, वैसी ही काफी है।

जब तुम अपना वादा निभाते हो, चाहे वह कितना भी छोटा क्यों न हो, तो तुम उसे भरोसा करना सिखाते हो। हर एक भरोसेमंद कार्य उन टूटी जगहों को ठीक करता है, जिन्हें किसी ने कभी प्यार के नाम पर चोट दी थी।

जब तुम उसकी कोमलता को संजोते हो, न कि उसका फायदा उठाते हो, तो उसे अब अपने चारों ओर सुरक्षा की दीवारें नहीं बनानी पड़तीं। बल्कि वह एक बगिया बन जाती है—जो तुम्हारी देखभाल की गर्माहट में स्वतंत्र रूप से खिलती है।

जब तुम उसके असुरक्षा के पलों में उसे डांटने या नजरअंदाज करने की बजाय थामे रखते हो, तो वह सीखती है कि प्यार शर्तों पर नहीं होता। वह समझने लगती है कि उसे “कम ज़रूरतों वाली” बनकर ही प्यार के लायक साबित नहीं करना पड़ता।

जब तुम उसकी सीमाओं का सम्मान करते हो, उन्हें तोड़ने की बजाय, तो वह समझती है कि प्यार नियंत्रण नहीं, बल्कि आपसी सम्मान का नाम है। और उस सम्मान के माहौल में वह खिल उठती है।

जब तुम उसकी छोटी-से-छोटी जीत को भी मनाते हो, तो वह देखती है कि प्यार सिर्फ मुश्किल समय में साथ देने के लिए नहीं होता, बल्कि खुशियों को बाँटने के लिए भी होता है।

जब तुम उसे याद दिलाते हो कि वह खूबसूरत है—सिर्फ दिखने में नहीं, बल्कि अपने अस्तित्व में—तो वह एक ऐसी शांति और आत्मविश्वास के साथ खुद को संभालती है जो सिर्फ सच्चे मूल्यांकन से आती है।

और जब तुम उसे इस तरह प्यार करते हो कि वह खुद को सुरक्षित महसूस करती है, तो वह ऐसी स्त्री बन जाती है जो अंदर से चमकती है—सिर्फ इसलिए नहीं कि तुमने उसे प्यार दिया, बल्कि इसलिए कि वह तुम्हारे साथ खुद को संपूर्ण महसूस करती है।

स्वलेख,रिचा उपाध्याय, समाजसेवी।

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