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लखनऊ पांच गुना तक बढ़ा होटल… रेस्टोरेंट और नर्सिंग होम्स का लाइसेंस शुल्क, जानें अब कितना पैसा देना होगा

लखनऊ पांच गुना तक बढ़ा होटल… रेस्टोरेंट और नर्सिंग होम्स का लाइसेंस शुल्क, जानें अब कितना पैसा देना होगा

राजधानी में होटल… रेस्टोरेंट और नर्सिंग होम्स के लाइसेंस का शुल्क पांच गुना तक बढ़ा दिया गया है। आगे पढ़ें और जानें अब कितना पैसा देना होगा?

राजधानी लखनऊ में नगर निगम ने होटल, रेस्टोरेंट, नर्सिंग होम और पैथोलॉजी का लाइसेंस शुल्क पांच गुना तक बढ़ा दिया है। शुल्क की नई दरें एक अप्रैल से लागू हो जाएंगी। इसे लागू करने से पूर्व नगर निगम ने प्रतिष्ठानों से आपत्तियां व सुझाव भी मांगे हैं, जिससे किसी तरह की कानूनी अड़चन न रहे। आपत्ति-सुझाव देने के लिए 15 दिन की समय सीमा तय की गई है। लिखित आपत्ति नगर निगम मुख्यालय स्थित केंद्रीय लाइसेंसिंग विभाग में दी जा सकती है।
नर्सिंग होम, प्रसूति गृह, रेस्टोरेंट आदि के लाइसेंस शुल्क में बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव करीब डेढ़ वर्ष पहले ही नगर निगम सदन से पास हो चुका है। राजनीतिक दबाव के चलते इसे अब तक लागू नहीं किया जा सका है। अब इसे लागू करने की कार्रवाई शुरू की गई है। व्यावसायिक संस्थानों को लाइसेंस जारी करने की व्यवस्था नगर निगम अधिनियम में निहित नियमावली के तहत है। नगर निगम 20 वर्ष से ज्यादा समय से लाइसेंस जारी करता आ रहा है, लेकिन शुल्क में बढ़ोतरी अब की जा रही है। पूर्व में बढ़ोतरी का प्रयास किया गया था, मगर नर्सिंग होम्स यूनियन के विरोध के कारण उसे लागू नहीं किया जा सका। नगर निगम को प्रति वर्ष लाइसेंस शुल्क के रूप में करीब पांच करोड़ रुपये की आय होती है। शुल्क बढ़ोतरी की नई दरें लागू होने के बाद प्रति वर्ष 10 करोड़ रुपये से अधिक आय होने का अनुमान है।

लाइसेंस शुल्क के लिए ये हैं प्रस्तावित दरें

प्रतिष्ठान की श्रेणी                                     वर्तमान दरें            प्रस्तावित दरें
नर्सिंग होम / प्रसूति गृह / निजी अस्पताल (50 बेड तक)  – 7,500       –      15,000
नर्सिंग होम / प्रसूति गृह (51 से 100 बेड तक)      –       15,000         –    30,000
नर्सिंग होम / प्रसूति गृह (101 से 250 बेड तक)    –        20,000       –      40,000
नर्सिंग होम / प्रसूति गृह (251-500 बेड तक)      –       35,000       –      70,000
पैथोलॉजी (सैंपल कलेक्शन)            –             5,000       –      10,000
डायग्नोस्टिक सेंटर / एक्सरे / अल्ट्रासाउंड / ब्लड बैंक  – 10,000        –     20,000
आयुर्वेदिक / यूनानी / होम्योपैथिक क्लीनिक       –      4,000       –      8,000
होटल गेस्ट / हाउस (20 बेड तक)               –          2,000      –       10,000
होटल / गेस्ट हाउस (20 बेड से अधिक)       –      3,000        –     15,000
रेस्टोरेंट / जलपान गृह                      –               2,000       –      10,000
मॉडल शॉप                                      –           60,000        –     85,000
(नोट : शुल्क सालाना रुपये में)
इन प्रतिष्ठानों को भी देना होगा लाइसेंस शुल्क, बन रही नियमावली
नर्सिंग होम, रेस्टोरेंट, होटल आदि से पहले से ही लाइसेंस शुल्क लिया जाता रहा है। नगर निगम अब जिम, स्पॉ, कोचिंग सहित 20 अन्य तरह के प्रतिष्ठानों से भी लाइसेंस शुल्क वसूलेगा। किस तरह के प्रतिष्ठान से कितना लाइसेंस शुल्क लिया जाए, इसका प्रस्ताव तैयार हो चुका है। अब नियमावली बनाई जा रही है। नियमावली बनने के बाद सदन से मंजूरी लेकर लोगों से आपत्ति व सुझाव लिए जाएंगे। इसके बाद उन प्रतिष्ठानों से भी लाइसेंस शुल्क लिया जाएगा, जो अभी इसके दायरे से बाहर हैं।
इन प्रतिष्ठानों से इतना शुल्क लेने का है प्रस्ताव
जिम (सामान्य) – 4,000
जिम (वातानुकूलित) – 10,000
ब्यूटी पार्लर (सामान्य) – 4,000
ब्यूटी पार्लर (वातानुकूलित) – 8,000
कोचिंग व प्रशिक्षण संस्थान (कक्षा 10 के बाद) – 4,000
चार्टड एकाउंटेंट कार्यालय – 8,000
स्पॉ सेंटर – 6,000
सामान्य ज्वैलरी शॉप – 10,000
ब्रांडेड ज्वैलरी शोरूम – 20,000
सभी तरह के ब्रांडेड कपड़ा शोरूम – 8,000
समस्त ब्रांडेड जूते के शोरूम – 8,000
स्पोर्ट्स एकेडमी (एक खेल के लिए) – 10,000
स्पोर्ट्स एकेडमी (एक से ज्यादा खेल) – 20,000
बेकरी (फैक्ट्री) – 10,000
टी स्टॉल – 2,000
बिल्डर्स रजिस्ट्रेशन – 20,000
फैब्रिकेटर्स – 5,000
आरा मशीन – 15,000
बिल्डिंग मेटेरियल की दुकान – 10,000
रंग-पेंट दुकान – 80,00
फर्नीचर दुकान – 6,000

(नोट : सभी शुल्क सालाना रुपये में)अपर नगर आयुक्त अरुण गुप्ता ने बताया कि नर्सिंग होम्स, रेस्टोरेंट आदि के लाइसेंस शुल्क के लिए नियमावली पहले से बनी हुई है। सदन की अनुमति से लाइसेंस शुल्क की दरें बढ़ाई जा रही हैं। इसे एक अप्रैल से लागू किया जाएगा। वहीं स्पॉ, कोचिंग, बेकरी आदि को भी लाइसेंस शुल्क के दायरे में लाया जाएगा। इनके लिए अभी नियमावली बनाने का कार्य चल रहा है।

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