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लखनऊ नौ लाख करोड़ से ज्यादा हो सकता है प्रदेश का बजट, शीतकालीन सत्र में पेश हो सकता है अनुपूरक बजट; सत्र 19 से

लखनऊ नौ लाख करोड़ से ज्यादा हो सकता है प्रदेश का बजट, शीतकालीन सत्र में पेश हो सकता है अनुपूरक बजट; सत्र 19 से

यूपी का बजट नौ लाख करोड़ से ज्यादा हो सकता है। 19 दिसंबर से शुरू होने वाले सत्र में प्रदेश सरकार अनुपूरक बजट पेश कर सकती है।

वित्त विभाग ने उप्र राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन अधिनियम 2004 के तहत मध्यकालिक राजकोषीय पुनःसंरचना नीति 2025 जारी की है। इसके अनुसार वित्तीय वर्ष 2026-27 के लिए प्रदेश के कुल बजट का आकार 9 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।

वित्त विभाग के अनुमानों के मुताबिक इसके बाद वित्तीय वर्ष 2027-28 में बजट का आकार 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगा। वित्तीय वर्ष 2028-29 में बजट 11 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा पहुंचने का अनुमान है। इस तरह आने वाले तीन वर्षों में प्रदेश के बजट में हर साल एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की वृद्धि होने की संभावना है। सरकार का दीर्घकालिक लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2029-30 तक प्रदेश की अर्थव्यवस्था को दस खरब रुपये तक पहुंचाना है। इसे देखते हुए आने वाले वर्षों में बजट का आकार मौजूदा अनुमानों से भी अधिक हो सकता है। सरकार का फोकस निवेश बढ़ाने और सभी क्षेत्रों में तेज विकास को सुनिश्चित करना है। इसके लिए अलग-अलग स्तरों पर विभागीय तैयारियां चल रही हैं।

विधानमंडल में पेश हो सकता है अनुपूरक बजट
प्रस्तावित विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में सरकार चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 का पहला अनुपूरक बजट पेश कर सकती है। अनुपूरक बजट का अंतिम आकार सरकार तय करेगी। हालांकि, विभागों ने मौजूदा योजनाओं को पूरा करने और अतिरिक्त बजट की मांग से जुड़े प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजना शुरू कर दिए हैं। अनुपूरक बजट पेश होने के बाद चालू वित्तीय वर्ष का कुल बजट 808736.06 करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगा।

यूपी विधानमंडल का शीतकालीन सत्र आगामी 19 दिसंबर से शुरू होगा, जो 24 दिसंबर तक चलेगा। पांच दिवसीय सत्र के दौरान राज्य सरकार कई विधायी कार्य संपन्न कराएगी। मंगलवार को कैबिनेट बाय सर्कुलेशन के जरिये इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी गई। इस दौरान सरकार चालू वित्तीय वर्ष का पहला अनुपूरक बजट भी पेश कर सकती है।अनुमान लगाया जा रहा है कि सत्र के दौरान चुनाव आयोग द्वारा करवाए जा रहे मतदाता गहन पुनरीक्षण अभियान (एसआईआर) को लेकर जमकर हंगामा हो सकता है। बता दें कि एसआईआर प्रक्रिया को लेकर विपक्षी दल भाजपा पर हमलावर रहे हैं।

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