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लखनऊ के यहियागंज गुरुद्वारे को मिलेगा नया स्वरूप, विकास के लिए 2 करोड़ मंजूर, पर्यटन विभाग ने दी स्वीकृति

लखनऊ के यहियागंज गुरुद्वारे को मिलेगा नया स्वरूप, विकास के लिए 2 करोड़ मंजूर, पर्यटन विभाग ने दी स्वीकृति

लखनऊ का यहियागंज गुरुद्वारा अब नई पहचान पाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने इसके विकास के लिए 2 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने राजधानी लखनऊ स्थित ऐतिहासिक यहियागंज गुरुद्वारा को पर्यटन मानचित्र पर नई पहचान दिलाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। पर्यटन विभाग ने गुरुद्वारे के कायाकल्प, सौंदर्यीकरण और आधुनिक सुविधाओं के विस्तार के लिए 2 करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत की है। यह गुरु तेग बहादुर और गुरु गोबिंद सिंह जी की पावन स्मृतियों से जुड़ा महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जो प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत का अहम हिस्सा माना जाता है।

धार्मिक विरासत के संरक्षण को प्राथमिकता

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि राज्य सरकार सभी धर्मों की आस्था का सम्मान करते हुए धार्मिक स्थलों के संरक्षण और उन्नयन के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि यहियागंज गुरुद्वारा इतिहास, अध्यात्म और आधुनिक सुविधाओं के संतुलन के साथ विकसित किया जाएगा, ताकि देश–विदेश से आने वाले श्रद्धालु इसकी समृद्ध परंपरा को और करीब से जान सकें।

आर्ट गैलरी और ऐतिहासिक धरोहरें हैं प्रमुख आकर्षण

गुरुद्वारे परिसर में स्थित आर्ट गैलरी सिख इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाओं का चित्रण करती है। यहां गुरु तेग बहादुर और गुरु गोबिंद सिंह द्वारा हस्ताक्षरित दो हुक्मनामे, तथा श्री गुरु ग्रंथ साहिब की हस्तलिखित प्रति संरक्षित है। इस पवित्र ग्रंथ की प्रति के आरंभ में गुरु तेग बहादुर द्वारा लिखा गया मूल मंत्र श्रद्धालुओं और शोधकर्ताओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र है।

बेहतर कनेक्टिविटी, पर्यटन विकास पर जोर

गुरुद्वारा लखनऊ शहर के किसी भी हिस्से से सुगम रूप से पहुंचा जा सकता है। चारबाग रेलवे स्टेशन और चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से इसकी कनेक्टिविटी सहज है।
पर्यटन विभाग के अनुसार स्वीकृत धनराशि से सौंदर्यीकरण, आगंतुक सुविधाओं का विस्तार, सुगम पहुंच व्यवस्था, अवसंरचना विकास जैसे कार्य किए जाएंगे।प्रकाशोत्सव और धार्मिक आयोजनों में बड़ी संख्या में जुटती है संगत
प्रकाशोत्सव सहित विभिन्न धार्मिक अवसरों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचकर भजन-कीर्तन, लंगर और सेवा में हिस्सा लेते हैं। प्रमुख सचिव पर्यटन, संस्कृति एवं धर्मार्थ कार्य अमृत अभिजात ने कहा कि यहियागंज गुरुद्वारा न केवल सिख आस्था का प्रमुख केंद्र है, बल्कि लखनऊ की बहुसांस्कृतिक पहचान और सामाजिक सौहार्द का अनूठा प्रतीक है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि जल्द ही यह स्थल राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर प्रमुख स्थान प्राप्त करेगा।

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