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यूपी में मानवता शर्मसार: एक घंटे तक तड़पते रहे एमबीबीएस छात्र…मदद नहीं मिली

यूपी में मानवता शर्मसार: एक घंटे तक तड़पते रहे एमबीबीएस छात्र…मदद नहीं मिली

यूपी के आगरा में आईएसबीटी के पास बाइक सवार दो युवकों की हादसे में मौत हुई है। दोनों युवक एमबीबीएस तृतीय वर्ष के छात्र थे। पिता ने बताया कि  एक घंटे तक बच्चे सड़क पर तड़पते रहे। न पुलिस आई और न ही किसी राहगीर ने बच्चों को अस्पताल पहुंचाया।

कोई दोनों बच्चों को अस्पताल पहुंचा देता तो शायद वे जिंदा होते। एक घंटे तक बच्चे सड़क पर तड़पते रहे। न पुलिस आई और न ही किसी राहगीर ने बच्चों को अस्पताल पहुंचाया। मृतक छात्र सिद्ध के पिता कारोबारी राजेश अग्रवाल रोते हुए ये बातें लोगों से कह रहे थे।कमला नगर के विमल वाटिका निवासी राजेश की जेनरेटर पार्ट्स बनाने की फैक्टरी है। बड़ा बेटा अक्षत एक कंपनी में साफ्टवेयर इंजीनियर हैं। सिद्ध ने नीट में अच्छे अंक प्राप्त किए थे। इस कारण एसएन मेडिकल काॅलेज में प्रवेश मिला था। होनहार बेटे की माैत से पिता सदमे में हैं पोस्टमार्टम हाउस में वह कह रहे थे कि उनका सब कुछ छिन गया। परिवार के लोग उन्हें सांत्वना दे रहे थे। पिता ने बताया कि बेटा घर से दो बजे स्कूटर लेकर निकला था। रास्ते में कहीं स्कूटर खड़ी की और तनिष्क के साथ उसकी बाइक पर चला गया। शाम पांच बजे के करीब हादसा हुआ।

उन्हें जानकारी काफी देर बाद मिली। घायल हुए दोनों बच्चे हाईवे पर ही तड़पते रहे। आसपास से लोग गुजरते रहे, लेकिन किसी ने समय पर अस्पताल पहुंचाना जरूरी नहीं समझा। किसी सहपाठी ने बेटे के मोबाइल पर काॅल की तो उसका मोबाइल किसी अनजान व्यक्ति ने उठाया। उस व्यक्ति ने कहा कि जिसका मोबाइल है, वह हादसे में घायल हो गए हैं।

इस बारे में पता चलने पर एसएन के बॉयज हॉस्टल से भागते हुए बड़ी संख्या में साथी छात्र घटनास्थल पर पहुंच गए। वह दोनों को ई-रिक्शा से एसएन इमरजेंसी लेकर आए। इलाज में देरी होने के कारण दोनों बच्चों की मृत्यु हो गई। घटना के बाद बेटे का मोबाइल भी नहीं मिला है। हाईवे पर हादसा हुआ लेकिन पुलिस को जानकारी काफी देर बाद हुई। सहपाठियों ने ही पुलिस को बताया।

मां और दादी का सपना था सिद्ध बने डाॅक्टरघटना के बाद से कारोबारी परिवार में कोहराम मचा हुआ है। पिता राजेश अग्रवाल ने बताया कि मां विद्या देवी चाहती थीं कि उनका पाैत्र सिद्ध डॉक्टर बने। उनका सपना पूरा करने के लिए ही बेटा जी जान से मेहनत करने में जुटा हुआ था। वह खुद अपनी मां से कहता था कि पिता तो डॉक्टर नहीं बन पाए तो क्या हुआ, डाॅक्टर का पापा तो बन जाएंगे।

एमबीबीएस छात्र का फाइल फोटो – फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
मां को नहीं पता बेटा अब नहीं लौटेगाराजेश ने बताया कि पत्नी नीरू बेटे के भविष्य की चिंता में डूबी रहती थीं। बेटे के सभी दोस्तों को आए दिन घर बुलाती थीं और स्वादिष्ट भोजन बनाकर खिलाती थीं। हादसे के बाद बेटे के नहीं रहने की जानकारी उन्हें अभी नहीं दी गई है।

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