आगरा : आगरा में एक बार फिर बाल विकास विभाग में पुष्टाहार घोटाला आया सामने

आगरा : आगरा में एक बार फिर बाल विकास विभाग में पुष्टाहार घोटाला आया सामने
विकासखंड सैया जनपद आगरा
ब्यूरो चीफ आगरा डालचंद चौधरी की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

आज दिनांक 14 नवंबर 2025 को ब्यूरो चीफ आगरा डालचंद चौधरी को विश्वस्त सूत्रों से सूचना मिली की आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों को वितरित करने के लिए टेक होम राशन के रूप में रिफाइंड तेल चने की दाल और गेहूं की दलिया जो विभाग द्वारा दिया जाता है उसे बाल विकास परियोजना अधिकारी सैया एवं क्षेत्रीय मुख्य सेविका द्वारा खुले बाजार में बेचने के लिए प्राइवेट गाड़ी पर रखकर भेजा जा रहा था!

महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं इंडिया नाऊ 24 के ब्यूरो चीफ आगरा डालचंद चौधरी ने मौके पर पहुंचकर गाड़ी को रोक कर पुष्टाहार के बारे में पूछा, बाल विकास परियोजना अधिकारी एवं मुख्य सेविका तथा लिपिक द्वारा संतोषजनक उत्तर न देने के कारण जिला कार्यक्रम अधिकारी आगरा श्री मनोज मौर्य जी को अवगत कराया गया और मौके की गंभीरता के बारे में प्रशासन को भी अवगत कराए जाने की बात कही गई ताकि दोषियों के ऊपर प्रभावी कार्यवाही हो सके और आंगनबाड़ी केंद्र के नौनिहाल बच्चों गर्भवती / धात्री माता कुपोषित बच्चों एवं 3 वर्ष से 6 वर्ष के स्कूल जाने वाले बच्चों को मिलने वाला पुष्टाहार उन्हें मिल सके!

यहां बताते चलें की पूर्व में भी इस तरह के मामले संज्ञान में शासन प्रशासन के आए लेकिन विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत एवं भ्रष्टाचार के चलते सारा मामला शांत हो गया अब देखना यह है कि इस बार में जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा दोषियों के खिलाफ कोई कार्यवाही की जाती है या फिर वही पुरानी कहानी दोहराई जाती है क्योंकि मुख्य सेविकाएं और सीडीपीओ यह कहती हैं कि ऊपर के अधिकारियों को कमीशन देना होता है इसलिए इस तरह की व्यवस्था की जाती है अपना नाम ना बताने की शर्त पर कार्यकर्तिया और मुख्य सेविकाएं यहां तक बताती हैं की प्रति केंद्र निर्धारित धनराशि की वसूली की जाती है और उससे उच्च अधिकारियों को कमीशन भी दिया जाता है विभागीय अधिकारियों का इतना खौफ रहता है कि कोई भी कार्यकर्ता अपना मुंह खोलने के लिए तैयार नहीं होता है अगर वह मुंह खोलता है तो उसकी सेवाएं समाप्त करने के लिए विभाग एकजुट हो जाता है जबकि पूरे प्रदेश में आए दिन मुख्य सेविकाओं द्वारा सुविधा शुल्क लेने और कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित करने की खबरें सोशल मीडिया पर आती रहती हैं लेकिन इसका कोई असर बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर नहीं होता हैऔर नहीं उनके क्रियाकलापों पर रोक लग पाती है जिसका नतीजा आज की ताजा तरीन घटना है!
अगर शासन प्रशासन और जिला कार्यक्रम अधिकारी इसका संज्ञान नहीं लेते हैं तो दोषियों का मनोबल बढ़ेगा और फिर इस तरह की घटनाएं होगी महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ेगी लेकिन मीडिया की नजर ऐसी घटनाओं पर रहेगी और ऐसी घटनाओं का पर्दाफाश किया जाएगा तथा दोषियों को उचित दंड मिले इसका पुरजोर प्रयास किया जाएगा!



