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देवोत्थान एकादशी एक नवंबर को… शुरू होंगे मांगलिक कार्य

देवोत्थान एकादशी एक नवंबर को… शुरू होंगे मांगलिक कार्य

चतुर्मास का होगा समापन, योग निद्रा से जागेंगे भगवान विष्णुएक नवंबर को होगा तुलसी विवाह, इस एक दिन बिना लगन देखे हो सकेंगे मांगलिक कार्य21 नवंबर से लगन शुरू, नवंबर और दिसंबर में कुल 11 लगनों पर बजेगी शहनाईलगभग छह हजार शादियां होने की उम्मीदगोरखपुर। देवोत्थान एकादशी एक नवंबर को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु योग निद्रा से जागेंगे व चतुर्मास का समापन होगा। इसी दिन भगवान शालिग्राम से तुलसी विवाह होगा। यह दिन बिना लगन देखे ही लोग शादी-विवाह कर सकते हैं। इसके बाद 21 नवंबर से लगन खुलेगा। दिसंबर तक लगभग छह हजार शादियां होने की उम्मीद है।गोरखनाथ संस्कृत विद्यापीठ के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ. दिग्विजय शुक्ल ने बताया कि एक नवंबर को श्रद्धालु व्रत रहकर भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करेंगे। भगवान को गन्ना, सुथनी, सिंघाड़ा, आंवला, गंजी आदि अर्पित कर दान-पुण्य करेंगे। उन्होंने बताया कि विगत छह जुलाई को देवशयनी एकादशी से मांगलिक कार्यों पर विराम लगा था लेकिन अब देवोत्थान एकादशी के बाद से 21 नवंबर से लगन खुल जाएगा। नवंबर और दिसंबर में कुल लगभग 11 लगनों पर शहनाई बजेगी। 16 दिसंबर से खरमास होगा। लेकिन 12 दिसंबर से ही शुक्र अस्त होने के कारण इस दिन से ही शादी-विवाह नहीं होंगे।

बेतियाहाता हनुमान मंदिर के महंत आचार्य राम नारायण त्रिपाठी ने बताया कि इस एकादशी के व्रत को करने से व्रती को सहस्त्रों अश्वमेध और सैकड़ों राजसूय यज्ञों का फल प्राप्त होता है। व्रत के प्रभाव से उसे वीर, पराक्रमी और यशस्वी पुत्र की प्राप्ति होती है। यह व्रत पापनाशक, पुण्यवर्धक तथा ज्ञानियों को मुक्तिदायक सिद्ध होता है। तुलसी विवाह करने से यश की प्राप्ति होती है।

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