पशु तस्करी पर नकेल: जिस गाड़ी में लदे होंगे गोवंश, अब मालिक भी मानें जाएंगे पशु तस्कर, भरवाया जा रहा शपथ पत्र

पशु तस्करी पर नकेल: जिस गाड़ी में लदे होंगे गोवंश, अब मालिक भी मानें जाएंगे पशु तस्कर, भरवाया जा रहा शपथ पत्र
थाना प्रभारियों को निर्देश दिए गए हैं कि जिन वाहनों से पशु तस्करी में संलिप्तता पाए जाने की आशंका हो, उनके स्वामियों से पूछताछ की जाए और यदि दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें भी आरोपी बनाकर केस दर्ज किया जाए। इससे तस्करों के लिए वाहन जुटाना आसान नहीं रहेगा और पशु तस्करी के नेटवर्क को तोड़ने में मदद मिलेगी।
जिले में पशु तस्करी पर नकेल कसने के लिए पुलिस ने नई रणनीति अपनाई है। अब यदि कोई पिकअप पशु तस्करी में पकड़ी जाती है तो चालक के साथ-साथ वाहन स्वामी को भी आरोपी माना जाएगा। पिकअप वाहनों के स्वामियों से भी पूछताछ की जाएगी। उन्हें भी आरोपी बनाया जाएगा।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, गोरखपुर जिले में कुल 872 पिकअप पंजीकृत हैं। इसमें कोतवाली क्षेत्र में 74, कैंट में 141, गोरखनाथ में 101, कैंपियरगंज में 133, गीडा में 63, चौरीचौरा में 57, बांसगांव में 91, गोला में 114 और खजनी सर्किल क्षेत्र में 98 पिकअप शामिल हैं।
इनकी थानेवार सूची तैयार कर बीट पुलिस अधिकारियों को सौंप दी गई है। बीट प्रभारियों द्वारा पिकअप स्वामियों को बुलाकर एक विस्तृत प्रोफार्मा भरवाया जाएगा। इस प्रोफार्मा में वाहन स्वामी का नाम, पता और मोबाइल नंबर के साथ पिकअप का उपयोग किन-किन कार्यों में किया जाता है, इसका ब्योरा देना अनिवार्य किया गया है।अधिकारियों का कहना है कि कई मामलों में वाहन स्वामी यह तर्क देकर बच निकलते थे कि उन्हें चालक की गतिविधियों की जानकारी नहीं थीं। लेकिन अब इस नियम के लागू होने के बाद मालिक को भी कानूनी रूप से जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
थाना प्रभारियों को निर्देश दिए गए हैं कि जिन वाहनों से पशु तस्करी में संलिप्तता पाए जाने की आशंका हो, उनके स्वामियों से पूछताछ की जाए और यदि दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें भी आरोपी बनाकर केस दर्ज किया जाए। इससे तस्करों के लिए वाहन जुटाना आसान नहीं रहेगा और पशु तस्करी के नेटवर्क को तोड़ने में मदद मिलेगी।इससे ईमानदार वाहन स्वामियों को कोई परेशानी नहीं होगी, लेकिन जो लोग जान-बूझकर या लापरवाही में अपने वाहनों का इस्तेमाल अवैध कामों के लिए होने देते हैं, उन्हें अब सख्त कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।



