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छत्तीसगढ़ : बलरामपुर: वन विभाग की बड़ी कार्रवाई, अवैध सागौन तस्करों पर कसा शिकंजा!

बलरामपुर: वन विभाग की बड़ी कार्रवाई, अवैध सागौन तस्करों पर कसा शिकंजा!

शैलेंद्र कुमार द्विवेदी
इंडिया नाऊ २४
छत्तीसगढ़

बलरामपुर : वन मंत्री श्री केदार कश्यप के निर्देश पर बलरामपुर वन मंडल में अवैध गतिविधियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है.वनमंडलाधिकारी आलोक बाजपेयी के नेतृत्व में गठित विशेष टीम ने वाड्रफनगर और शंकरगढ़ परिक्षेत्र में अवैध लकड़ी परिवहन और अतिक्रमण पर शिकंजा कसते हुए बड़ी सफलता हासिल की है.

इन कार्रवाइयों से तस्करों और अतिक्रमणकारियों में हड़कंप मचा हुआ है. वन विभाग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, 11 सितंबर 2025 को वाड्रफनगर क्षेत्र में सागौन लकड़ी की अवैध तस्करी की सूचना पर कार्रवाई करते हुए एक ट्रक को जब्त किया गया.वहीं, 12 सितंबर को शंकरगढ़ क्षेत्र में बोलेरो पिकअप वाहन से अवैध रूप से सागौन लकड़ी का परिवहन करते हुए पकड़ा गया और वाहन को जब्त कर कानूनी कार्यवाही की गई.

इसी क्रम में, 17 सितंबर को वाड्रफनगर परिक्षेत्र के पी. 685 खंड में लंबे समय से हो रहे अतिक्रमण को हटाया गया और उस भूमि पर पुनः वृक्षारोपण का कार्य किया गया.साथ ही, उसी दिन शंकरगढ़ परिक्षेत्र के पी. 709 खंड में भी अतिक्रमण हटाकर पौध संरक्षण की गतिविधि संपन्न की गई.

इन कार्यवाहियों से वन भूमि को मुक्त कर हरियाली को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया गया है.इसके अलावा, 22 सितंबर को दर्ज प्रकरण में अवैध सागौन पेड़ों की कटाई का मामला सामने आया.इस दौरान विभाग ने सागौन लकड़ी को जब्त कर लिया, जिसकी अनुमानित कीमत करीब 30 हजार रुपये आंकी गई है.

वन अधिकारियों का कहना है कि विभाग लगातार निगरानी रख रहा है और जंगलों की अवैध कटाई एवं लकड़ी तस्करी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी.विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि किसी भी व्यक्ति को वन संपदा को नुकसान पहुंचाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.गौरतलब है कि बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर और शंकरगढ़ परिक्षेत्र लंबे समय से तस्करों की नजर में रहे हैं.

सागौन और अन्य मूल्यवान लकड़ियों की तस्करी का नेटवर्क कई राज्यों तक फैला हुआ है.ऐसे में वन विभाग की इस कार्रवाई से न केवल तस्करों पर अंकुश लगेगा, बल्कि वन संरक्षण और पर्यावरण बचाने की दिशा में यह कदम अहम साबित होगा.वन विभाग ने आम जनता से भी अपील की है कि यदि कहीं अवैध कटाई या तस्करी की गतिविधि दिखे तो तुरंत विभाग को सूचित करें, ताकि जंगलों को बचाने की मुहिम को और मजबूत किया जा सके.

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