अयोध्या में उमड़ेंगे लाखों रामभक्त… विवाह पंचमी के दिन ध्वजारोहण समारोह बना चुनौती

अयोध्या में उमड़ेंगे लाखों रामभक्त… विवाह पंचमी के दिन ध्वजारोहण समारोह बना चुनौती
श्रीराम मंदिर ट्रस्ट अयोध्या में विवाह पंचमी के दिन ध्वजारोहण की तैयारी कर रहा है। ऐसे में रामनगरी में भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है। वहीं, ट्रस्ट के लिए भी यह किसी चुनौती से कम नहीं है।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के संयोजन में 25 नवंबर (विवाह पंचमी) को भव्य ध्वजारोहण समारोह की तैयारी की जा रही है। समारोह के लिए आठ हजार मेहमानों की सूची तैयारी की जा रही है। ट्रस्ट ने इस आयोजन के लिए जिस तिथि का चयन किया है, उसी तिथि पर अयोध्या में राम विवाह का भव्य उत्सव होता है। इस उत्सव में पांच लाख से अधिक श्रद्धालु शामिल होते हैं। ऐसे में राम विवाह के बीच ध्वजारोहण समारोह की तैयारी ट्रस्ट के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का भी मानना है कि विवाह पंचमी के दिन ध्वजारोहण समारोह बड़ी चुनौती है। सामंजस्य बैठाने, व्यवस्था बनाने पर मंथन किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि यह समारोह प्राण प्रतिष्ठा जैसा नहीं होगा, लेकिन अप्रत्याशित होगा। राम विवाह के दिन शाम को अयोध्या के दर्जनों मंदिरों से राम बरात निकलती है।
ध्वजारोहण समारोह सुबह 11 बजे से शुरू होकर करीब तीन घंटे चलेगा। समारोह में पीएम या राष्ट्रपति के आने के सवाल पर कहा कि अभी हमने किसी को निमंत्रण नहीं भेजा है। अभी होमवर्क चल रहा है, जल्द ही रूपरेखा तैयार होगी। बताया कि इस कार्यक्रम में पूर्वी उत्तर प्रदेश के 49 जिलों से लगभग आठ हजार मेहमानों को बुलाया जा रहा है। इसमें समाज के हर वर्ग का प्रतिनिधित्व होगा।अयोध्या से 3000 मेहमान बनेंगे साक्षीध्वजारोहण समारोह में इस बार अयोध्या के लोगों को भी सहभागी बनने का अवसर मिलेगा। आठ हजार मेहमानों में से 3000 मेहमान अयोध्या जिले से होंगे। इसमें संत-धर्माचार्य, ग्राम प्रधान, अयोध्या के 37 जातीय मंदिरों के प्रमुख आदि शामिल रहेंगे। अब तक 2200 मेहमानों की सूची बन चुकी है, माह के अंत तक सभी आठ हजार मेहमानों की सूची फाइनल कर ली जाएगी। समारोह के लिए 8200 कुर्सियां लगाई जाएंगी। टेंट व कुर्सियों के लिए स्थान चिन्हित किए जा चुके हैं।
ध्वज के आकार-प्रकार पर चल रहा मंथन
ट्रस्ट के महासचिव ने कहा कि मुख्य मंदिर पर 190 फीट की ऊंचाई पर ध्वज फहराया जाएगा। इसके अलावा अन्य उप मंदिरों पर भी ध्वज फहराए जाएंगे। भगवान राम के ध्वज पर प्राचीन काल में कोई चिन्ह रहा होगा, इसकी जानकारी जुटाई जा रही है। ध्वज पीला या केसरिया रंग का हो, इस पर संतों और विद्वानों से राय ली जा रही है। ध्वज का आकार, ऊंचाई पर हवा की गति व उसके प्रभाव जैसे पहलुओं का अध्ययन किया जा रहा है।कोविदार का पेड़ था अयोध्या का राजवृक्षजगद्गुरु राम दिनेशाचार्य बताते हैं कि राम वनवास के दौरान जब चित्रकूट में श्रीराम विश्राम कर रहे थे, तभी शोर सुनकर लक्ष्मण से कहते हैं कि देखो कैसा शोर है। उत्तर से आ रही सेना के रथ पर लगे ध्वज को देख लक्ष्मण समझ गए कि सेना अयोध्या की है। वाल्मीकि रामायण के 96वें सर्ग के 18वें श्लोक में बताया गया है कि लक्ष्मण जी को सेना के ध्वज पर कोविदार वृक्ष दिखाई देता है, जिससे वह पहचान लेते हैं कि सेना अयोध्या की है। वही, श्लोक 21 में लक्ष्मण कहते हैं, भरत को आने दीजिए। हम उन्हें हरा कर ध्वज को अधीन कर लेंगे। इस श्लोक से पता चलता है कि उस समय अयोध्या का राजवृक्ष कोविदार का पेड़ था, जिसे ध्वज पर अंकित किया गया था।


