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गाजीपुर : मानवता का शास्त्र है गीता : महामंडलेश्वर भवानी नंदन यति

बेद प्रकाश पाण्डेय ब्यूरो चीफ गाजीपुर।

आज दिनांक।14/09/025को

मानवता का शास्त्र है गीता : महामंडलेश्वर भवानी नंदन यति

गाज़ीपुर। मालवीय भवन में रविवार को श्रीमद्भगवद्गीता प्रवचन सत्र का शुभारंभ हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हथियाराम मठ के महामंडलेश्वर स्वामी भवानी नंदन यति जी महाराज ने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता केवल भारतीय संस्कृति का ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण मानवता का शास्त्र है। यह जीवन प्रबंधन का आदर्श ग्रंथ है और भारतीयों की पहचान है।

स्वामी जी ने कहा कि गीता भगवान श्रीकृष्ण के मुखारविंद से निकली वह अमृतवाणी है, जो जीवन मार्ग को प्रकाशित करती है। “गीता का अध्ययन प्रत्येक मनुष्य के लिए आवश्यक है क्योंकि यह कर्म में प्रवृत्त कर कल्याण का मार्ग दिखाती है।”

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अजित कुमार चतुर्वेदी ने कहा कि गीता प्रवचन महामना के सपनों का प्रकल्प है, जिसका लाभ विश्वविद्यालय के हर छात्र और कर्मचारी को लेना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि गीता के उपदेशों को सोशल मीडिया और विश्वविद्यालय के प्लेटफॉर्म के माध्यम से और व्यापक स्तर पर प्रसारित करने की आवश्यकता है।

इस अवसर पर स्वामी जी को कुलपति ने अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। वैदिक विज्ञान केंद्र की पूर्व छात्रा नेहा सिंह ने गीता-आधारित पेंटिंग प्रस्तुत की।

कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक मंगलाचरण, कुलगीत और भजन से हुआ। अतिथियों का स्वागत गीता समिति के सचिव प्रो. उपेंद्र कुमार त्रिपाठी ने किया। संचालन संयुक्त सचिव प्रो. शरदिंदु कुमार त्रिपाठी ने तथा धन्यवाद ज्ञापन निदेशक प्रो. राजा राम शुक्ल ने किया।

इस अवसर पर प्रो. उदय प्रताप शाही, प्रो. आशा राम त्रिपाठी, प्रो. सदा शिव द्विवेदी, प्रो. मृत्युंजय देव त्रिपाठी, प्रो. उपेंद्र पाण्डेय, प्रो. कार्तिकेय श्रीवास्तव, प्रो. अनिल सिंह, प्रो. श्रीकृष्ण त्रिपाठी, प्रो. सुनील कात्यायन, प्रो. सुशील वैद्य, प्रो. सुव्रतो भट्टाचार्य, डॉ. दयाशंकर त्रिपाठी, डॉ. राजेश सिंह, प्रो. मुकुट मणि त्रिपाठी सहित बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय के शिक्षक, कर्मचारी, छात्र एवं नगर के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

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