लखनऊ खराब मार्ग प्रकाश व्यवस्था को लेकर सदन में हंगामा, मुख्य अभियंता और अपर नगर आयुक्त को दी गई चेतावनी

लखनऊ खराब मार्ग प्रकाश व्यवस्था को लेकर सदन में हंगामा, मुख्य अभियंता और अपर नगर आयुक्त को दी गई चेतावनी
लखनऊ। शहर की खराब मार्ग प्रकाश व्यवस्था और निजी कंपनी ईईएसएल को हटाने के बाद पूरी तैयारी न करने का आरोप अफसरों पर लगाते हुए महापौर सुषमा खर्कवाल ने मार्ग प्रकाश विभाग के मुख्य अभियंता मनोज प्रभात को नालायक कह दिया। सदन में चर्चा के दौरान नाराज महापौर ने कहा कि मुख्य अभियंता नालायक है तो प्रभारी अधिकारी अपर नगर आयुक्त ललित कुमार क्या करते रहे। वह भी जिम्मेदार हैं। इसके लिए शासन को लिखा जाएगा। हालांकि, बाद में महापौर ने इसे हंसी में टाल दिया।मार्ग प्रकाश को लेकर महापौर की ओर से सदन में विशेष चर्चा कराने की बात कही गई थी, मगर वह हो नहीं पाई। महापौर खुद ही मुख्य अभियंता से सवाल-जवाब करती रहीं। पार्षद भृगुनाथ शुक्ला ने अब त्योहार आने वाले हैं, उससे पहले स्ट्रीट लाइटों को ठीक कराया जाए। पार्षद रामनरेश रावत ने कहा कि उनके जोन में स्ट्रीट लाइटों की ठीक करने वाले टावर नहीं हैं। पार्षद सुशील तिवारी पम्मी ने कहा कि नगर निगम अधिकारियों ने स्ट्रीट लाइटों की व्यवस्था को संभालने में लापरवाही की।
सवालों को लेकर मुख्य अभियंता और अपर नगर आयुक्त ने कहा कि ईईएसएल का अनुबंध मई में समाप्त होने से पहले शासन को दो बार पत्र लिखा गया कि आगे क्या करना है, मगर शासन से कोई जवाब नहीं आया। इसके बाद अब नगर निगम खुद मरम्मत करा रहा है। अब सदन जो निर्णय ले कि काम ठेके पर कराना है या नगर निगम खुद करे। इसके बाद पार्षद मुन्ना मिश्रा, ममता चौधरी, यावर हुसैन रेशू आदि ने कहा कि नगर निगम कराए तो ठीक रहेगा। निजी कंपनियां मनमानी करती हैं। मुख्य अभियंता ने बताया कि 16 हजार स्ट्रीट लाइटें खरीदने के लिए टेंडर खुल गया है।
एलडीए से एनओसी का अधिकार वापस लिया जाएकांग्रेस पार्षद मुकेश सिंह चौहान ने कहा कि पहले नगर निगम नक्शा पास करने के लिए अपनी जमीन की एनओसी देता था, लेकिन कुछ अधिकारियों की लापरवाही से एलडीए अब मानचित्र पास करने से पहले नगर निगम से एनओसी नहीं ले रहा है। इससे नगर निगम की करोड़ों रुपये की आय प्रभावित हुई है। यह अधिकार फिर से वापस लिया जाए। इसको लेकर एलडीए और शासन को पत्र लिख जाए।
कब्जे से बचाने को जमीन का पीपीपी पर हो उपयोगभाजपा पार्षद अरुण राय ने सदन में कहा कि नगर निगम की जमीन पर कब्जे हो रहे हैं। कब्जा हटाने के बाद दोबारा कब्जा हो जाता है। इसमें संपत्ति विभाग लेखपालों की भी मिलीभगत रहती है। ऐसे में कब्जा खाली कराने के बाद उन पर पीपीपी मॉडल के तहत कॉम्प्लेक्स या मार्केट और मकान बनाए जाएं, जिसके किराये से विभाग की आमदनी बढ़ सकती है।महापौर ने बिना जानकारी प्रस्ताव लाने पर जताई नाराजगीसदन के बाद पास प्रस्तावों की जानकारी देते हुए महापौर सुषमा खर्कवाल ने कहा कि अनुपूरक सूची में कई ऐसे प्रस्ताव शामिल किए गए, जिसकी उन्हें जानकारी नहीं दी गई। नगर आयुक्त गौरव कुमार से आपत्ति भी जताई। इस पर नगर आयुक्त ने कहा कि प्रस्ताव की प्रति सभी को दी गई थी। कुछ देर बाद नगर आयुक्त अचानक कोई जरूरी काम बताकर चले गए। ऐसे में महापौर ने अपर नगर आयुक्त नम्रता सिंह से जानकारी ली, जिसके बाद अनुपूरक सूची के उन प्रस्तावों को जिन्हें नगर आयुक्त पास करना चाहते थे, महापौर ने इन्कार कर दिया।सेवानिवृत्त कर्मचारी की पत्रावली में देरी पर होगी जांचमहापौर सुषमा खर्कवाल ने सदन की कार्यवाही शुरू होते ही शनिवार को सेवानिवृत्त हुए सेनेटरी सुपरवाइजर ब्रजेश की पत्रावली में देरी का मुद्दा उठाया। उन्होंने अधिष्ठान विभाग के अधिकारियों से पूछा कि पेंशन बुक के कागजात बनाने में देरी क्यों की जाती है? आपत्तियां लगाकर परेशान किया जाता है। कर्मचारी के रिटायर होने से पहले उसका स्थायीकरण क्यों नहीं किया जाता? इसको लेकर नगर स्वास्थ्य अधिकारी पीके श्रीवास्तव को फटकार भी लगाई।