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दुल्लहपुर गाजीपुर : परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद का 60वां शहादत दिवस धामुपुर में भव्य आयोजन, शौर्य गाथा से गूंजेगा माहौल

बेद प्रकाश पाण्डेय ब्यूरो चीफ गाजीपुर।

परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद का 60वां शहादत दिवस धामुपुर में भव्य आयोजन, शौर्य गाथा से गूंजेगा माहौल

दुल्लहपुर गाजीपुर। 10 सितंबर 2025 को परमवीर चक्र विजेता शहीद वीर अब्दुल हमीद का 60वां शहादत दिवस धामुपुर स्थित वीर अब्दुल हमीद पार्क, हमीदधाम में धूमधाम से मनाया जाएगा। इस मौके पर आज़मगढ़ के सांसद धर्मेंद्र यादव मुख्य अतिथि होंगे, जबकि अखिल भारतीय आतंकवाद विरोधी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनिन्दरजीत सिंह बिट्टा, प्रयागराज सब एरिया के मेजर जनरल, 39 जीटीसी के ब्रिगेडियर तथा सांसद अफजाल अंसारी, बलिया सांसद सनातन पांडे, लोकगीत कलाकार विजय लाल यादव, विधायक जै किशन साहू, जंगीपुर विधायक वीरेंद्र यादव, जखनिया विधायक बेदी राम प्रख्यात साहित्यकार व कवि पंकज प्रखर भी विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे, सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए मां शारदा चिल्ड्रेन पब्लिक इंटर कॉलेज जलालाबाद, अर्श सीनियर सेकेंडरी सीबीएसई बोर्ड कॉलेज दुल्लहपुर के अच्छा छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होगा।

शहीद के पौत्र मोहम्मद परवेज ने मीडिया से कहा कि “हमारे दादा की शहादत सिर्फ एक परिवार का नहीं, बल्कि पूरे देश का गर्व है। 1965 में उन्होंने पाकिस्तान के शक्तिशाली पैटन टैंकों को तबाह कर युद्ध का पासा ही पलट दिया। उनकी वीरता ने साबित कर दिया कि देश की मिट्टी के सपूत किसी भी दुश्मन को परास्त करने की ताकत रखते हैं। पाकिस्तान उस वक्त दिल्ली तक पहुंचने का सपना देख रहा था, मगर मेरे दादा ने उसे हकीकत से कोसों दूर कर दिया।”

1965 की जंग का वह ऐतिहासिक दृश्य

10 सितंबर 1965 की सुबह खेमकरण सेक्टर में जब पाकिस्तान की बख्तरबंद टुकड़ी पैटन टैंकों के साथ भारत की सीमाओं में घुसी, तब वीर अब्दुल हमीद ने अपनी तोप से सीधे दुश्मन पर वार किया। उन्होंने लगातार कई टैंकों को ध्वस्त किया। दुश्मन की पंक्तियों में हड़कंप मच गया। उनकी एक-एक गोली ने पाकिस्तान की महत्वाकांक्षाओं को राख कर दिया। इसी दौरान दुश्मनों ने भी जवाबी हमला बोला और गोलाबारी के बीच वीर अब्दुल हमीद ने हंसते-हंसते अपनी जान देश के नाम कर दी। उनकी वीरता के लिए उन्हें मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।

शौर्य का होगा सम्मान

धामुपुर में होने वाला यह आयोजन सिर्फ श्रद्धांजलि का अवसर नहीं होगा, बल्कि नई पीढ़ी को शौर्य और बलिदान का संदेश देने वाला मंच बनेगा। कार्यक्रम में शौर्य गोष्ठी, कवि सम्मेलन और सेना अधिकारियों के संबोधन के जरिए वीर अब्दुल हमीद की गाथा सुनाई जाएगी। हजारों की संख्या में लोग शामिल होकर इस अमर शहीद को नमन करेंगे।

गाजीपुर की धरती का यह गौरव पूरे देश के लिए प्रेरणास्त्रोत है। वीर अब्दुल हमीद का नाम हमेशा भारत के इतिहास के स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा और उनकी कुर्बानी आने वाली पीढ़ियों को राष्ट्रप्रेम की राह दिखाती रहेगी। पार्को पूरी तरह से रंगाई पुताई के साथ हो लगभग 2000 लोगों के बैठने के चेयर लगाए गए हैं। इस बार मंच काफी भव्य ऊंचा बना है।

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