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सीएम योगी ने कहा- नफरत फैलाने का माध्यम बनता जा रहा सोशल मीडिया

सीएम योगी ने कहा- नफरत फैलाने का माध्यम बनता जा रहा सोशल मीडिया

विद्या भारती के नए प्रकल्प का भूमिपूजन कार्यक्रम में पहुंचे मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश प्रकृति और परमात्मा का प्रदेश है। हमारे पास सब कुछ है लेकिन हम भाग्य के भरोसे छोड़े हुए हैं। जिसे बीमारू कहा जाता था आज वही उत्तर प्रदेश विकास का इंजन बन गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सोशल मीडिया प्लेट फार्म का सोसाइटी में दुरुपयोग हो रहा है। इस प्लेटफार्म का उपयोग अच्छी शिक्षा के लिए किया जाना था। कोरोना काल में जगह-जगह से ऑन लाइन शिक्षा की व्यवस्था की गई। यह इसका सकारात्मक पक्ष है।मगर दूसरी तरफ सोशल मीडिया गलत ग्रुप बनाकर जातियों के बीच गाली-गलौज करने का माध्यम बनती जा रही है। फेक ग्रुप बनाकर नफरत फैलाने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है।  टेक्नॉलोजी को अपने अनुरूप ढालने का दायित्व हमारे ऊपर है। उसे समाज लोक कल्याण के लिए कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है,इस पर काम करना होगा।

विद्या भारती के नए प्रकल्प का भूमिपूजन कार्यक्रम में पहुंचे मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश प्रकृति और परमात्मा का प्रदेश है। हमारे पास सब कुछ है लेकिन हम भाग्य के भरोसे छोड़े हुए हैं। जिसे बीमारू कहा जाता था आज वही उत्तर प्रदेश विकास का इंजन बन गया है। आज से चार सौ वर्ष पहले भारत में दुनिया की सबसे बड़ी अर्थ व्यवस्था थी।मगर भारत के आजाद होते तक इतना लूटा गया कि वह कमजोर होता गया। भारत को तोड़ा गया, उसकी विरासत को लूटा गया। विदेशी ताकतें देश के लोगों को हतोत्साहित करते थे। जिसका असर यह हुआ कि लोग हेय दृष्टि से देखने लगे थे। सालार मसूद को जगह-जगह पूछने लग गए लेकिन सुहेल देव महाराज को भूलते गए।स्वदेशी वस्तुओं को बढ़ावा देने की पैरवी करते हुए कहा कि विदेशी कंपनियों को जाने वाला पैसा आतंकवादियों तक आता है।

सैनिकों के प्रति सम्मान का भाव रखना होगा।सीएम ने कहा कि सभी को विकसित बनना होगा। इसके लिए योजना बनाकर काम करना होगा। कहा कि प्रधानमंत्री ने आगामी 25 वर्ष की कार्य योजना बनाने को कहा है। योजना बनाकर किए गए कार्य से ही समर्थ बना सकते हैं। सरकार हर साल अपना बजट प्रस्तुत करती है, जिसमें एक विजन होता है, जिसमें एक वर्ष के लिए तो व्यवस्था करते ही हैं, पांच व पच्चीस वर्ष की भी योजना बनाई जाती है।इसी तरह सभी को अल्प कालीन, मध्य कालीन और दीर्घ कालिक योजना बनाना चाहिए। एआई जिस तेजी से बढ़ रहा है,उसमें नया सबक होगा। इसका महत्वपूर्ण कार्यों में इसका इस्तेमाल तो करें लेकिन इसका दुरुपयोग भी बहुत हो रहा है। डीप फेक के माध्यम से ब्लैक मेलिंग, डिजिटल अरेस्ट को रोकने के लिए सरकार ने उपाय तो किए हैं लेकिन टेक्नोलॉजी हमारे किसी आगे बढ़ाने में इसका उपयोग तो करना चाहिए लेकिन यदि मनोरंजन के लिए तीन-चार घंटे खर्च कर रहे हैं तो अपने पैर में कुल्हाड़ी मार रहे हैं।

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