लखनऊ नगर निगम मुख्यालय में औचक निरीक्षण, महापौर ने गेट पर जड़ा ताला

लखनऊ नगर निगम मुख्यालय में औचक निरीक्षण, महापौर ने गेट पर जड़ा ताला
नगर निगम मुख्यालय में औचक निरीक्षण, महापौर ने गेट पर जड़ा ताला
नगर निगम मुख्यालय में बृहस्पतिवार सुबह 10:45 बजे महापौर सुषमा खर्कवाल ने औचक निरीक्षण किया। सुबह मुख्यालय पहुंचीं महापौर ने जब कार्यालयों की हकीकत देखी तो कई अधिकारी एवं कर्मचारी अपनी सीट से नदारद मिले। इस स्थिति से नाराज होकर महापौर ने मुख्यालय के मुख्य दरवाजे पर ताला लगवा दिया और मौके पर मौजूद अटेंडेंस रजिस्टर जब्त कर लिया। इसके बाद उन्होंने पूरे नगर निगम मुख्यालय का गहन निरीक्षण किया।निरीक्षण के दौरान नगर आयुक्त गौरव कुमार अपने कार्यालय में मौजूद मिले। हालांकि, महापौर जब अपर नगर आयुक्तों के कार्यालयों में पहुंचीं तो वहां कोई अधिकारी मौजूद नहीं था। इतना ही नहीं, उप नगर आयुक्त का कार्यालय भी खाली मिला और समस्त सहायक नगर आयुक्त भी अपनी सीट पर अनुपस्थित पाए गए। महापौर ने निरीक्षण की शुरुआत से पहले ही नगर निगम मुख्यालय के मुख्य गेट और दूसरे गेट पर ताला जड़वा दिया था। इस कदम से अंदर-बाहर की गतिविधियों पर नियंत्रण रखा गया। इस दौरान कई कर्मचारी और अधिकारी मुख्यालय के बाहर खड़े देखे गए। निरीक्षण में यह स्थिति भी सामने आई कि कुछ अधिकारी अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए अपने-अपने कार्यालय में मौजूद थे। इनमें मुख्य वित्त एवं लेखा अधिकारी महामिलिंद लाल, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी अशोक सिंह और नगर स्वास्थ्य अधिकारी श पी.के. श्रीवास्तव शामिल रहे। महापौर ने इन अधिकारियों की उपस्थिति पर संतोष जताया और कहा कि सभी कर्मचारियों को इन्हीं की तरह समय पर और जिम्मेदारी से कार्य करना चाहिए।
==अटेंडेंस लगाकर गायब हुए कर्मचारीमहापौर ने 311 एप के जरिए कर्मचारियों की अटेंडेंस सूची मंगाई। सूची की जांच के दौरान यह तथ्य सामने आया कि कई कर्मचारी सुबह मुख्यालय परिसर में आकर अटेंडेंस तो दर्ज कर गए, लेकिन उसके बाद वे अपनी सीट पर मौजूद नहीं थे। महापौर ने इसे गंभीर लापरवाही करार दिया और ऐसे सभी कर्मचारियों की जांच के लिए सीसीटीवी फुटेज निकलवाने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि दोषी पाए जाने पर किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा और कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
.==महापौर का कड़ा संदेशमहापौर सुषमा खर्कवाल ने औचक निरीक्षण के बाद अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रति कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि नगर निगम लखनऊ शहर की जनता की सेवा करने और बुनियादी सुविधाओं को दुरुस्त रखने की जिम्मेदारी निभाता है। ऐसे में यदि अधिकारी और कर्मचारी समय पर कार्यालय नहीं पहुंचते और अपने कार्यों के प्रति लापरवाह रहते हैं तो इसका सीधा असर शहरवासियों को मिलने वाली सुविधाओं पर पड़ता है। यह किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
==सीएम से होगी शिकायतमहापौर ने नगर आयुक्त को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि दो दिनों के भीतर सभी अनुपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों से स्पष्टीकरण मांगा जाए और आगे की कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि यह मामला केवल मुख्यालय की कार्यशैली का नहीं बल्कि जनता की सुविधाओं से जुड़ा है, इसलिए इस लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा। महापौर ने यह भी घोषणा की कि इस पूरे मामले की शिकायत उत्तर प्रदेश के म मुख्यमंत्री जी से भी की जाएगी।==जनहित सर्वोपरिनिरीक्षण के दौरान महापौर ने यह भी कहा कि नगर निगम मुख्यालय जनता की समस्याओं के निराकरण का प्रमुख केंद्र है। यहां यदि अधिकारी और कर्मचारी समय से मौजूद न रहें तो आम नागरिकों की शिकायतों और समस्याओं का समाधान प्रभावित होता है। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना उनका पहला लक्ष्य है। महापौर ने यह भी संकेत दिया कि यदि इस तरह की लापरवाही आगे भी सामने आई तो नगर निगम मुख्यालय में उपस्थिति और कार्यप्रणाली को और अधिक सख्ती से नियंत्रित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि तकनीकी माध्यमों और निगरानी प्रणाली को मजबूत करके सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी कर्मचारी या अधिकारी अपने कर्तव्यों से विमुख न हो।==जनता से अपील 10 बजे न मिलें अधिकारी तो यहां करें शिकायतमहापौर ने जनता से अपील की है कि अगर 10 बजे आपको नगर निगम कार्यालय में अधिकारी व कर्मचारी सीट पर नहीं मिलें तो तुरंत इसकी शिकायत 638920005 पर करें। इसके साथ ही आप फेसबुक, इंस्टाग्राम और एक्स पर भी टैग कर सकते हैं।