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स्वच्छता में नंबर वन की दौड़ में नया दांव, कूड़े से बिजली बनाएगा लखनऊ

स्वच्छता में नंबर वन की दौड़ में नया दांव, कूड़े से बिजली बनाएगा लखनऊ

लखनऊ। बेहतर कचरा प्रबंधन और शहर को स्वच्छता में नंबर वन बनाने के लिए नगर निगम कूड़े से बिजली उत्पादन का प्लांट लगाएगा। इसको लेकर एक साल में काम भी जमीन पर शुरू हो जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके लिए महापौर को सहमति भी दे दी है।स्वच्छ सर्वेक्षण प्रतियोगिता में शहर को 44वें पायदान से देश में तीसरे पायदान पर लाने वाले पूर्व नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह कहते हैं कि अगर हमको स्वच्छता में नंबर वन बनना है और कचरे का बेहतर प्रबंधन करना है तो कूड़े से बिजली उत्पादन का प्लांट लगाना ही होगा।

अब कचरे का स्वरूप भी बदला है, जिसमें प्लास्टिक ज्यादा आ रही है। अभी प्लास्टिक के साथ जो गैर सड़ने वाला कचरा, लकड़ी, कपड़ा आदि आता है, उससे आरडीएफ (जलने बाले ब्लाक) बनाए जाते हैं। यह सीमेंट फैक्ट्रियों में जलाने के काम आते हैं। अपने प्रदेश में सीमेंट फैक्ट्रियां नहीं हैं। ऐसे में इसे दूसरे प्रदेशों में भेजना पड़ता है। इस पर खर्च अधिक आता है। इसे देखते हुए कूड़े से बिजली बनाना फायदेमंद है।

कूड़े का निस्तारण भी होगा और फायदा भी होगाअपर नगर आयुक्त डॉ. अरविंद राव का कहना है कि कूड़े से बिजली उत्पादन से कई फायदे होंगे। एक तो शहर से जितना कूड़ा निकलेगा, उसका निस्तारण आसानी से हो जाएगा। आरडीएफ को बाहर भेजने के जरूरत नहीं रहेगी। वहीं, प्लांट में जो बिजली बनेगी, उसे बिजली विभाग को बेचा जाएगा। इससे आमदनी भी होगी।

प्लांट तीन साल में होगा तैयारअपर नगर आयुक्त ने बताया कि प्लांट 15 मेगावाट का होगा। इसे बनने में करीब तीन साल लगेंगे। भविष्य में जरूरत पड़ने पर प्लांट की क्षमता बढ़ाई भी जा सकेगी। जल्द ही कंसल्टेंट का चयन कर प्रोजेक्ट तैयार कराया जाएगा।IIIअब नगर निगम कूड़े से बिजली उत्पादन का प्लांट लगाएगा। मुख्यमंत्री ने भी इसकी सहमति दी है। पूरी मदद का भरोसा भी दिया है।II- सुषमा खर्कवाल, महापौरI

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