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सीएम योगी बोले-‘मोदी है तो मुमकिन है’ का प्रत्यक्ष प्रमाण…अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण

सीएम योगी बोले-‘मोदी है तो मुमकिन है’ का प्रत्यक्ष प्रमाण…अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण

सीएम योगी ने कहा, मोदी है तो मुमकिन है, यहां भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण के साथ आज यह चरितार्थ होते हुए देखने को मिल रहा है।

सीएम योगी ने कहा, हम लोगों को संदेह तो नहीं था। हम मानते थे, हमारा कार्य तो भगवान के प्रति समर्पण का है। बाकी तो भगवान अपना रास्ता स्वयं बनाएंगे और देखो देश के अंदर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आए। मोदी है तो मुमकिन है, यहां भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण के साथ आज यह चरितार्थ होते हुए देखने को मिल रहा है। मुझे प्रसन्नता है कि आज केंद्र सरकार की वित्त मंत्री यहां आई हैं और कल आपको भगवान श्रीरामलला के दर्शन करने का और इस नई अयोध्या को जो प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप बनी है, उसे देखने का अवसर प्राप्त होगा।

अयोध्या में बृहस्पति कुंड और दक्षिण भारत के तीन महान संगीतज्ञों की प्रतिमाओं के लोकार्पण के बाद राम मंदिर परिसर के तीर्थ यात्री सुविधा केंद्र के लॉन में आयोजित समारोह में सीएम योगी ने कहा, मैं इस अवसर पर पूरे देश और दुनिया में फैले हुए त्याग राज महास्वामी, पुरंदर दास महास्वामी और अरुणाचल कवि स्वामी के अनुयायियों को हृदय से बधाई देता हूं।

जो इन तीन पूज्य संतों की भावना थी और दक्षिण भारत में उन्होंने 15वीं सदी से 18वीं सदी तक श्रीराम भक्ति के प्रचार प्रसार के लिए अपना जीवन समर्पित किया। आज उनकी प्रतिमा उनके आराध्य के श्री चरणों में बृहस्पति कुंड में स्थापित हुई है। इन तीनों पूज्य संतों के अनुयायियों को मैं हृदय से बधाई देता हूं, उन सब के प्रति अपनी शुभकामनाएं भी देता हूं।

मूर्तियों को स्थापित करने का सौभाग्य हमें मिला हमारे दक्षिण भारत के तीन पूज्य संतों के प्रतिमा को एक ऐसे पवित्र स्थल पर अनावरण करने और उन मूर्तियों को स्थापित करने का सौभाग्य हमें प्राप्त हुआ है, जो देवताओं के गुरु बृहस्पति के नाम पर माने जाने वाला पवित्र कुंड है। हर बृहस्पतिवार को यहां पर श्रद्धालु आकर स्नान करते हैं और मार्गशीर्ष की शुक्ल पंचमी को विशेष रूप से एक आयोजन होता है।

आप याद करिए कि इन पूज्य संतों के दर्शन करने का बृहस्पति कुंड के साथ ही प्रतिवर्ष यहां अयोध्या आने वाले कोटि-कोटि श्रद्धालुजनों को अवसर प्राप्त होगा। दक्षिण भारत में इन तीन पूज्य संतों ने जो योगदान दिया है, राम भक्ति के प्रचार प्रसार के लिए वो अतुलनीय है। त्याग राज महास्वामी, जिनके बारे में कहते हैं कि कर्नाटक संगीत के तीन महानतम जो संगीतज्ञ थे, जिन्हें श्याम शास्त्री, मुक्त स्वामी के साथ ही कर्नाटक संगीत की त्रिमूर्ति के रूप में त्यागराज महास्वामी को भी स्थान मिलता है।
कृतज्ञता ज्ञापित करने का अवसर मिलादक्षिण भारत में उन्होंने 18वीं सदी में भगवान श्रीराम के हजारों गीतों को रच करके तेलुगु भाषा के माध्यम से दक्षिण भारत के स्थान-स्थान पर इसके प्रचार-प्रसार के लिए उस समय अपना योगदान दिया। आज उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का अवसर हम सबको प्राप्त हुआ है। यह अवसर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के माध्यम से प्राप्त हुआ है। इसके लिए प्रभु श्रीराम का भक्त होने के नाते हमारा यह दायित्व बनता है कि हम भगवान राम के उन अनुयायियों को सम्मान दें, जिन्होंने सम और विषम परिस्थितियों में भगवान राम की भक्ति को देश के कोने-कोने तक पहुंचाया है। उनके सम्मान में आज यहां पर इन महास्वामियों की इस प्रतिमा के माध्यम से यह सम्मान उन्हें उपलब्ध कराया जा रहा है। मैंने देखा था, उस समय हम लोग छोटे-छोटे थे, हम लोग देखते थे, राम जन्मभूमि आंदोलन में हमें आने और जाने का अवसर प्राप्त होता था।हम लोग देखे थे तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और केरल से बड़ी संख्या में रामभक्त आकर श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन का हिस्सा बनते थे और एक ही नारा लगाते थे कि रामलला हम आएंगे मंदिर वहीं बनाएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे का नारा लगता था। उस समय लोग बोलते थे कि क्या मंदिर बन जाएगा।

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