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समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने छात्रावास के कायाकल्प में सामने आए घोटाले पर समाज कल्याण अधिकारी व निरीक्षक को निलंबित कर दिया साथ ही डिप्टी डायरेक्टर को जांच की जिम्मेदारी सौंप दी।

समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने छात्रावास के कायाकल्प में सामने आए घोटाले पर समाज कल्याण अधिकारी व निरीक्षक को निलंबित कर दिया साथ ही डिप्टी डायरेक्टर को जांच की जिम्मेदारी सौंप दी।

समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण रविवार को बाराबंकी के रामनगर पीजी कॉलेज में आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कॉलेज परिसर में स्थित समाज कल्याण विभाग के छात्रावास का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान ₹5 लाख की सरकारी धनराशि से किए गए रंग-रोगन और रखरखाव कार्य में घोटाला सामने आया। अनियमितता पाते ही मंत्री ने सख्त रुख अपनाते हुए समाज कल्याण अधिकारी और छात्रावास अधीक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। साथ ही मामले की जांच डिप्टी डायरेक्टर, समाज कल्याण विभाग अयोध्या को सौंपी गई है।

मंत्री असीम अरुण ने बताया कि निरीक्षण के दौरान जब खर्च का विवरण मांगा गया तो जिम्मेदार अधिकारी संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। ₹5 लाख की धनराशि कहां खर्च हुई, इसका ठोस प्रमाण भी प्रस्तुत नहीं किया जा सका। अधिकारी केवल बिजली के तार और मामूली काम दिखाते रहे, जिससे घोटाले की पुष्टि होती है।पत्रकारों से बातचीत में मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार छात्रावासों के कायाकल्प के लिए भरपूर धनराशि दे रही है ताकि छात्रों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें। लेकिन यदि कोई अधिकारी इस सरकारी धन का दुरुपयोग करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मंत्री ने यह भी बताया कि छात्रावासों के लिए आगामी दिनों में ₹10 लाख की अतिरिक्त राशि दी जाएगी, लेकिन पूर्व में दी गई राशि की रिकवरी भी सुनिश्चित की जाए।

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